अधिकारियों को दिन में करना होगा समस्याओं का समाधान
जागरण संवाददाता, बांदा : जिलाधिकारी ने जिला स्तरीय रबी उत्पादन कृषि गोष्ठी में किसानों को तक
जागरण संवाददाता, बांदा : जिलाधिकारी ने जिला स्तरीय रबी उत्पादन कृषि गोष्ठी में किसानों को तकनीक के आधार पर खेती करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से किसान उन्नतिशील खेती करें और आय बढ़ाएं। इस दौरान उन्होंने अफसरों से कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान दो दिन में कराएं।
विकास भवन में आयोजित जिला स्तरीय कृषि गोष्ठी में डीएम हीरालाल ने कहा कि उर्वरक व बीज हो चाहे कोई भी समस्या हो किसान संबंधित अफसरों के मोबाइल नंबर पर शिकायत दर्ज कराएं। इन शिकायतों को दो दिनों में निस्तारित करना होगा। यदि अफसर लापरवाही बरतते हैं तो किसान उनके मोबाइल पर शिकायत कर सकते हैं । उनकी समस्याओं का तुरंत समाधान कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बुंदेलखंड के किसानों के लिए वरदान है। यहां के वैज्ञानिकों की मदद से किसान आवर्तनशील खेती करें। पशुपालन, बागवानी, सब्जी की उन्नतिशील खेती कर खुशहाल बनें और अपनी आय बढ़ाएं। सीडीओ हीरालाल ने कहा कि किसानों में जागरूकता बढ़ी है और अधिकांश किसान अब जैविक और तकनीकी खेती की ओर बढ़ रहे हैं। यह जिले के लिए अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि अभी और ज्यादा जागरूकता की जरूरत है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि शासन की मंशा है कि किसानों की आय दोगुनी है। इसी के अनुसार अधिकारियों को कार्य करना है। डीडी कृषि ने किसानों को कृषि विभाग की योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसान खेत तालाब योजना सहित बीज अनुदान आदि का लाभ उठाएं। वे प्रमाणित व उपचारित कर बीज बोए। जिला कृषि अधिकारी प्रमोद कुमार ने किसानों को जिले के लिए बेहतर प्रजातियों के बारे में बताया। जिला उद्यान अधिकारी परवेज खां ने प्रधानमंत्री कृषि ¨सचाई योजना सहित बागवानी व सब्जी की खेती करने पर जोर दिया। इस दौरान कृषि वैज्ञानिक डा.जगन्नाथ पाठक, डा.मंजुल पांडेय, एसबी ¨सह ने भी खेती की नवीन तकनीकी बताई। डीडीओ ज्ञानेंद्र त्रिवेदी, बिजली विभाग के एक्सईएन अजय कुमार सविता, एक्सईएन केन कैनाल, एआर कोआपरेटिव वीरेंद्र बाबू दीक्षित, एलडीएम, फल संरक्षण अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी आदि मौजूद रहे।
----------------
.और भावुक हो गए फल संरक्षण अधिकारी
कृषि गोष्ठी में संबोधन के समय जिला फल संरक्षण अधिकारी सुरेश चंद्र गुप्ता बेहद भावुक हो गए। जब वह किसानों को भगवान और खुद को भक्त जैसे भाषण दिए जा रहे थे तब सीडीओ हीरालाल को टोकना पड़ा। उन्होंने कहा कि अधिकारी किसानों पर कोई एहसान नहीं कर रहे हैं। किसानों को योजनाओं का लाभ दिलाना उनकी ड्यूटी है। यह विषय काफी चर्चा में रहा।
-----------
भूख से बिलबिलाए किसान
¨तदवारी, मरका जैसे दूर-दराज इलाकों से कृषि गोष्ठी में शामिल हुए किसान भूख से बिलबिलाते रहे। मंच पर काजू, नमकीन और चाय के दौर चलते रहे। किसानों को एक बिसलरी की बोतल तक नसीब नहीं हुई। करीब तीन बजे तक लंच पैकेट न मिलते देख किसान खिसकने लगे। बाहर दुकानों पर जाकर समोसा आदि खाया। जो पैसे लेकर नहीं आए थे उन्हें भूखे पेट ही घर लौटना पड़ा। ¨तदवारी के किसान रामविशाल व रामशिरोमणि ने अपना दर्द भी बयां किया। जबकि कृषि विभाग ने गोष्ठी के नाम पर पांच सौ से ज्यादा लंच पैकेट व अन्य व्यवस्थाओं पर करीब दो लाख रुपये खर्च का लंबा चौड़ा बिल तैयार किया है। इस गोष्ठी पर न स्टाल लगे और न ही किसी विभाग के जागरूकता संबंधी पंपलेट नजर आए। महज औपाचारिकता के रूप में अधिकारी भी दो-दो शब्द बोलकर चलते बने।