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मानकों को 'खोद' पार की दस करोड़ रुपये की मिट्टी

खनन विभाग से बिना अनुमति मानक से तीन गुना ज्यादा खोदी मिट्टी -पीडब्लूडी ने रिग रोड में खर्च किए 73.96 करोड़ कार्य अभी तक अधूरा जागरण संवाददाता बांदा शासन ने शहर को जाम व बड़े वाहनों से छुटकारा दिलाने के उद्देश्य से दशक भर पहले जिला मुख्यालय में रिग रोड का तोहफा दिया था। लेकिन का

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 11:03 PM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 06:22 AM (IST)
मानकों को 'खोद' पार की दस करोड़ रुपये की मिट्टी
मानकों को 'खोद' पार की दस करोड़ रुपये की मिट्टी

विमल पांडेय, बांदा

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मंडल मुख्यालय में बाईपास निर्माण करा रहे लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने मानकों को किनारे रख मिट्टी खोदाई कर डाली। आकलन के मुताबिक इस खेल में दस करोड़ रुपये की मिट्टी पार दी गई। खोदाई के लिए खनन विभाग से अनुमति नहीं ली गई। मामला सामने आने पर पीडब्ल्यूडी प्रकरण में लीपापोती कर रही है।

शहर को जाम से छुटकारा दिलाने के उद्देश्य से दशक भर पहले जिला मुख्यालय में रिग रोड का तोहफा दिया गया था। कार्यदायी संस्था पीडब्ल्यूडी ने खनिज विभाग की कोई अनुमति लिए बिना दो मीटर के मानक को दरकिनार करते हुए 3:30 मीटर की मिट्टी की खोदाई बाईपास क्षेत्र से कराई है। खोदाई से आसपास मकानों की नींव तक पर संकट आ गया है। ऐसे ही पीड़ित आवास विकास मोहल्ले निवासी अजय कुमार मिश्रा ने सूचना का अधिकार प्रयोग पीडब्ल्यूडी की मनमानी को उजागर किया। खनन विभाग ने जहां जवाब में स्वीकार किया कि मिट्टी खोदाई के लिए उससे अनुमति नहीं ली गई है, न रायल्टी का विवरण उपलब्ध कराया गया है। वहीं पीडब्ल्यूडी ने भी जवाब में स्वीकार किया है कि 3.30 मीटर मिट्टी खोदाई की गई है। खनन विभाग के आकलन के मुताबिक अतिरिक्त खोदी गई मिट्टी की कीमत 10 करोड़ रुपये के आसपास है। मिट्टी कहां गई, बेच दी गई या गायब, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। हालांकि, मौके पर साफ दिख रहा है कि मिट्टी की खोदाई पांच से छह मीटर से ज्यादा तक हुई है। अजय कुमार मिश्रा के अनुसार बाईपास के किनारे तमाम परिवार आबाद हैं, लेकिन पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की मनमानी से उनके दरवाजों पर मौत की खाईं है।

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-बाईपास में मिट्टी खोदाई का मामला मेरे समय का नहीं है, काफी पुराना है। पता कराया जाएगा कि मिट्टी का प्रयोग कहां हुआ है? यह घोटाला अभी नहीं कहा जा सकता है, भले ही मानकों की अनदेखी की गई हो। पूरे प्रकरण की जांच कराएंगे।

-सुभाष जैन, अधीक्षण अभियंता, लोक निर्माण विभाग, चित्रकूटधाम मंडल, बांदा

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-अवैध खनन का मामला हो, उसमें संबंधित विभाग ठेकेदार से 11 एमएम मांगता है। उसी के हिसाब से बिलों का भुगतान किया जाता है। पीडब्ल्यूडी एक्सईएन की जिम्मेदारी है कि ठेकेदार से गुणवत्ता की रायल्टी और छह गुना जुर्माना वसूल कर खनिज विभाग को दे। चूंकि मामला पुराना है इसलिए इसकी जानकारी कराएंगे। यदि अवैध खनन मिलता है तो वसूली की जाएगी।

-राजेश कुमार सिंह, जिला खनिज अधिकारी, बांदा


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