आत्मरक्षा के हुनर से परिवर्तन की अलख जगा रहीं सुमन
जागरण संवाददाता, बांदा : महिलाओं को अबला समझने वाले पुरुष समाज के लिए डर और छेड़छाड़ जैसी घटनाओं को सह
जागरण संवाददाता, बांदा : महिलाओं को अबला समझने वाले पुरुष समाज के लिए डर और छेड़छाड़ जैसी घटनाओं को सहने वाली लड़कियों के लिए सुमन चौहान प्रेरणा है। तेरह साल की उम्र में एक लड़के को पीटने की जिद ने आज उनकी ¨जदगी की राह बदल दी है। सुबह से रोजाना छात्र-छात्राओं को जूडो कराटे सिखाना उनकी दिनचर्या में शुमार है। नेशनल और प्रदेश स्तर की कई प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत हो चुकी हैं। अब तक सुमन करीब आठ सौ बच्चियों को आत्मरक्षा का गुर सिखा चुकी हैं।
शहर के शांती नगर मोहल्ला निवासी ब्रजेश ¨सह की बेटी सुमन ¨सह चौहान जूडो-कराटे का दूसरा नाम है। पल भर में अपने विरोधी को परास्त करने की कला इनमें कूट कूट कर भरी है। करीब दस साल पहले जब उम्र 13 साल थी। एक घटना ने उनकी ¨जदगी की दिशा मोड़ दी। सुमन जीजीआइसी में कक्षा नौ की छात्रा थी। घर से स्कूल जाते समय रास्ते में रोजाना एक लड़का परेशान करता था। सुमन ने यह बात अपने घर पर बताई, तो पिता उसे खुद स्कूल छोड़ने जाने लगे। पिता की परेशानी देखकर वह उलझन में आ गई और आखिर में उस लड़के को पीटने का मन बनाया। तभी एक स्कूल में जूडो कराटे का कैंप लगा था। उसने यह कैंप ज्वाइन कर हुनर सीखा। हालांकि तब तक उनकी परेशान करने वाली समस्या खुद ही हल हो गई थी। आत्मरक्षा के कला की जरूरत समझते हुए हर बेटी को सिखाने का बीड़ा उठाया। पढ़ाई करने के साथ सुबह और शाम बच्चियों और महिलाओं को जूडो-कराटे सिखातीं। धीरे-धीरे इनकी साख शोहरत में बदल गई। उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में पुरस्कार पाया। यही नहीं अब प्रशासन भी सुमन की मदद लेकर छात्र-छात्राओं को आत्मरक्षा का गुर सिखा रहे हैं। जिलेभर के स्कूलों में सुमन जाकर छात्राओं को जूडो-कराटे सिखाती हैं। इनसेट.
परिवार के लिए बेटे सा अहसास
सुमन के पिता ब्रजेश ¨सह मोटर मैकेनिक हैं। घर की आर्थिक स्थिति सामान्य है। सुमन अपने तीन बहनों और एक भाई में सबसे बड़ी है। ऐसे में घर की जिम्मेदारी भी उस पर है। लड़की होने के बावजूद घरवाले सुमन को एक बेटे की तरह प्यार देते हैं। स्पोर्टस और जूडो कराटे में पारंगत सुमन की भेषभूषा भी लड़कों की तरह है। घरवालों को अपनी इस बेटी पर फक्र है। इनसेट.
अब तक जीत चुकी यह है पुरस्कार
- ब्लैक बेल्ट हिमाचल प्रदेश से 2009
- गोल्ड मेडल यूपी ताइक्वोंन्डो चैंपियनशिप 2015
- गोल्ड मेडल नार्थ इंडिया ओपन कराटे चैंपियनशिप 2012
- नेशनल ताइक्वोंन्डो चैंपियनशिप 2011
- नेशनल स्तर पर गोल्ड मेडल विजयवाड़ा 2011 में।