बबुली गैंग के इनामी डकैत को एसटीएफ ने दबोचा
जागरण संवाददाता, बांदा : चित्रकूट में दस्यु बबुली गैंग से मुठभेड़ के बाद भागे सक्रिय सदस्य को ए
जागरण संवाददाता, बांदा : चित्रकूट में दस्यु बबुली गैंग से मुठभेड़ के बाद भागे सक्रिय सदस्य को एसटीएफ व पुलिस टीम ने घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए डकैत पर 50 हजार का इनाम घोषित था वहीं दारोगा की हत्या, पुलिस मुठभेड़, डकैती आदि के 12 मुकदमे हैं।
डीआइजी मनोज तिवारी व एसपी एस आनंद ने रविवार शाम पुलिस लाइन में प्रेसवार्ता कर बताया कि शुक्रवार रात चित्रकूट के मारकुंडी थाना अंतर्गत लखन पहाड़ के पास पुलिस मुठभेड़ में साढ़े पांच लाख के इनामी दस्यु सरगना बबली गैंग से मुठभेड़ हुई थी। दो डकैतों व उनके दो सहयोगियों को पकड़ा गया था। मुठभेड़ के बाद गैंग का तीसरे नंबर का सक्रिय सदस्य इनामी रजोला चौधरी निवासी नौबस्ता मजरा रूकमा बुजुर्ग पुलिस से बचने के लिए बांदा की ओर भाग आया था। उसे पकड़ने के लिए एसटीएफ टीम पहले से सुरागरसी कर रही थी। एसटीएफ के उपनिरीक्षक दीपक ¨सह, एसआइ रिजवान, शशिभूषण, प्रेम सागर ¨सह व आरक्षी उमाशंकर, सर्वेश भदौरिया लखनऊ को शनिवार शाम दस्यु रजोला के नवाब टैंक के पास होने की सूचना मिली थी। इधर एसपी के निर्देश पर कोतवाली नगर प्रभारी आनंद ¨सह व आरक्षी देवर्षि यादव, रोहित के साथ एसटीएफ टीम ने राजोला को पकड़ लिया। उसके पास से एक अवैध तमंचा व कारतूस बरामद हुए। उस पर चित्रकूट के थाना मानिकपुर, बहिलपुरवा आदि जगह मुकदमे दर्ज हैं।
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दारोगा की हत्या में है आरोपित
इनामी राजोला ने पिछले वर्ष 2017 में मानिकपुर थाना क्षेत्र के जंगल में हुई मुठभेड़ के दौरान एसआइ जेपी ¨सह की गोली मारकर हत्या व आरक्षी वीरेंद्र ¨सह को घायल कर दिया था। घटना के बाद से वह वांछित चल रहा था।
चार वर्ष से अपराध में शामिल था रजोला
रजोला पर चित्रकूट के मारकुंडी थाने में वर्ष 2015 में पुलिस पर जानलेवा हमले का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। घटना में सिपाही कैलाश व पुष्पेंद्र घायल हो गए थे। इसके बाद उसके विरुद्ध बड़े अपराध दर्ज होने की फेहरिस्त बढ़ने लगी थी। शुरू में वह दस्यु गैंगों को रसद पहुंचाता था। यही से वह अपराध में शामिल हो गया था। करीब दो वर्ष से वह बबुली गैंग में शामिल होकर वारदातें कर रहा था।
खुद को मृत घोषित करने का भी किया था नाटक
वर्ष 2017 में पुलिस व एसटीएफ का शिकंजा कसने पर रजोला ने खुद को मृत घोषित करने का नाटक किया था। किसी दूसरे के शव के अपना शव होने की चर्चा फैलवा दी थी। हालांकि बाद में पुलिस की जांच में यह स्पष्ट हो गया था कि मृत व्यक्ति रजोला नहीं है। वह पहली बार पुलिस के हत्थे चढ़ा है।