बांदा में निरीक्षण में खेल, नियम विरुद्ध रोका जा रहा शिक्षकों का वेतन
जागरण संवाददाता बांदा परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति जांचने के लिए शासन से ऑन
जागरण संवाददाता, बांदा : परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति जांचने के लिए शासन से ऑनलाइन निरीक्षण के निर्देश हैं। बीएसए व खंड शिक्षा अधिकारियों की मनमानी से ऑफलाइन निरीक्षण किया जा रहा है। एआरपी व बीईओ की निरीक्षण आख्या के आधार पर बिना स्पष्टीकरण लिए ही शिक्षकों का वेतन अवरुद्ध किया जा रहा है। शिकायत पर मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक ने मंडल के चारों जिलों के बीएसए से स्पष्टीकरण मांगा है।
उत्तर प्रदेशीय शिक्षक संघ के मंडलीय मंत्री आशुतोष त्रिपाठी ने 17 दिसंबर को इस संबंध में मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) को शिकायतीपत्र दिया था। उसमें कहा था कि बेसिक शिक्षा अधिकारी निरीक्षण आख्या के आधार पर शिक्षकों के बिना स्पष्टीकरण प्राप्त किए ही वेतन रोक रहे हैं। जबकि यह शासनादेश के खिलाफ है। मंडल के चारो जिलों में खंड शिक्षा अधिकारियों व अन्य निरीक्षण, अनुश्रवणकर्ताओं की ओर से प्रेरणा पोर्टल पर निरीक्षण के साथ कुछ निरीक्षण ऑफ लाइन किए जाते हैं। इसी आख्या के आधार पर बेसिक शिक्षा अधिकारी शिक्षकों का वेतन रोकने की कार्रवाई कर देते हैं। इसके बाद स्पष्टीकरण मांगा जाता है। ऐसे दोहरे मापदंड से शिक्षकों की मनोदशा पर कुठाराघात होता है। इसके अलावा वेतन बहाल कराने की आड़ में कमीशन लिया जाता है। चित्रकूटधाम मंडल के सहायक शिक्षा निदेशक सीएल चौरसिया ने मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने चारों जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर उनसे इस संबंध में स्पष्टीकरण तलब किया है। कहा कि यह वेतन अवरुद्ध करने का दंड न तो लघु दंड की श्रेणी में आता है और न ही वृहद दंड की श्रेणी में माना जाता।