स्पेन के सैलानियों ने देखा एतिहासिक किला
संवाद सहयोगी, नरैनी : खजुराहो से घूम कर आए स्पेन के सैलानियों ने क¨लजर किला पहुंचकर भग
संवाद सहयोगी, नरैनी : खजुराहो से घूम कर आए स्पेन के सैलानियों ने क¨लजर किला पहुंचकर भगवान नीलकंठेश्वर का दर्शन किया। उन्होंने दुर्ग में भ्रमण कर एतिहासिक महत्व की जानकारी की। कस्बेवासियों से मंदिर की प्राचीनता के बारे में जानने का प्रयास किया।
रविवार को स्पेन के तकरीबन 18 सैलानियों का जत्था का¨लजर दुर्ग घूमने पहुंचा। वहां उन्होंने अजेय दुर्ग के रानी महल, चौबे महल, राजा अमान¨सह का महल, मृगधारा, मोती महल आदि स्थानों को देख कर आश्चर्य प्रकट किया। महलों के दरवाजों व मूर्तियों में की गई नक्काशी को सराहा। किले के गाइड शाहिद व शैलेंद्र कुमार ने यहां की ¨हदी भाषा का रुपांतरण अंगेजी में कर किला व महलों के इतिहास के बारे में जानकारी दी। सैलानियों ने यहां के रीति रिवाज के मुताबिक नारियल खरीदकर नीलकंठ भगवान के मंदिर में फोड़ा। किले की प्राकृतिक छटा, पेड़ पौधे देखकर खुश होते नजर आए । इन सभी का कोतूहल बना एक बंदर ने सैलानियों के नजदीक जाकर उनके हाथों से चना प्रसाद ग्रहण किया। यह नजारा देखकर विदेशी जहां आश्चर्यचकित थे वहीं कई लोग अपनी हंसी नहीं रोक पा रहे थे। सैलानियों को यह बात अटपटी लगी की किसी भी स्मारक में जानकारी के लिए बोर्ड लगाया जाता है। जबकि वहां इससे संबंधित बोर्ड टूटकर बर्बाद हो चुके हैं। इससे यह जानकारी नहीं मिलती कि यह कौन सा महल है आने-जाने का मार्ग क्या है? विदेशियों ने संग्रहालय में प्राचीन मूर्तियों व स्थापत्य कला का भी अवलोकन किया।