नालों की सिल्ट पर चल रहा जन सहयोग का फावड़ा
बारिश का मौसम सिर पर है। कभी भी झमाझम मानूसन दस्तक दे सकता है। ऐसे में शहर के बाशिदों की नींद उड़ गई है। मोहल्लों के नाले चोक व जाम होने से उन्हें जल भराव की चिता सता रही है। संसाधनों व स्टाफ से जूझ रहे नगर पालिका ने चिह्नित किए गए शहर के 36 नालों में अभी तक सिर्फ आठ की सफाई की है। नगर पालिका की उदासीनता और लापरवाही से मायूस शहरवासियों ने जलभराव की परेशानी से बचने के लिए खुद अपने हाथों में फावड़े उठा लिए हैं।
जागरण संवाददाता, बांदा : एक ओर प्री मानसून की बारिश शुरू हो गई है। कभी भी जिले में झमाझम बारिश के आसार है। ऐसे में नगर पालिका के नालों की सफाई न होना क्षेत्रीय लोगों की चिंता का कारण बन रहा है। संसाधनों व स्टाफ की कमी से जूझ रही नगर पालिका ने चिह्नित 36 नालों में से अभी तक सिर्फ आठ की ही सफाई कराई। नगर पालिका की इस उदासीनता से परेशान नगर वासियों ने खुद लाने की सफाई करने की ठानी। लोग फावड़ा लेकर खुद घरों से निकल पड़े। वहीं नगर पालिका के अधिकारी व कर्मचारी चुप्पी साधे हैं। शिकायत के बाद भी नाला सफाई के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। शहर के निचले हिस्से में बसे पोड़ाबाग मोहल्ले में जागरण टीम नाला सफाई व जलभराव की पड़ताल करने पहुंची तो यहां पालिका के दावों की पोल खुल गई। मोहल्ले के अधिकांश नालों में कूड़ा-कचरा ऊपर तक पटा है। जरा भी बारिश होने पर पानी सड़क और घरों के आंगन तक पहुंच जाएगा। इससे चितित कुछ मोहल्लेवासी खुद फावड़ा लिए नाला सफाई करते मिले। सभी ने एक स्वर में बताया कि नालों की सफाई यहां वर्षों से नहीं हुई। जबकि लोहिया पुल से होते हुए यहां से बड़ा नाला गुजरा है। जब जोरदार बारिश होती है तो उनकी धड़कने बढ़ जाती हैं। रहने के लिए छतों का सहारा लेना पड़ता है।
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बोले मोहल्लेवासी :
-नाले व नालियों की सफाई न होने से इसमें ऊपर तक कचड़ा भरा है। सभासद से लेकर चेयरमैन तक शिकायत की। सिर्फ आश्वासन मिल रहा है। सफाई करने कोई नहीं आया।-चंदा
-नाला में घास-फूस व गंदगी की वजह से जहरीले जीव-जंतु पनप रहे हैं। शाम होने के बाद किसी की हिम्मत नहीं पड़ती की नाला के आसपास कोई चला जाए। बारिश में परेशानी कई गुना बढ़ जाती है।-संतोष
-नाला में सिल्ट भरी पड़ी है। इसमें लोहिया पुल तक पानी आता है। बारिश में नाला जाम होने के कारण सारा पानी यहीं सड़क पर भर जाता है। ज्यादा बारिश हुई तो उनके घर में आंगन व कमरों में पानी पहुंच जाता है।-भागवती
-नाला सफाई खुद करनी पड़ रही है। नगर पालिका सिर्फ डींगे हाकता है। चेयरमैन सिर्फ आश्वासन दे देते हैं। ऐसे में बारिश भले ही किसी के लिए खुशी देती है, पर यहां के बाशिदों के लिए परेशानी लेकर आती है।-सुशील
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बोले जिम्मेदार :
नगर में जल भराव रोकने के लिए नालों की लगातार सफाई की जा रही है। कई जगह नए नाले बनवाए जा रहे हैं। नाला पाटने में शहर के बाशिदे ही जिम्मेदार हैं। लगातार रोकने के बाद भी घरों का कूड़ा-कचरा नाली-नालों में फेंका जा रहा है।
-संतोष मिश्रा, अधिशाषी अधिकारी, नगर पालिका, बांदा
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नाला सफाई पर एक नजर :
शहर की आबादी : 174456
शहर के वार्ड : 31
शहर में छोटे-बड़े नाले : 110
चिह्नित किए बड़े नाले : 36
साफ हुए नाले : 8
सफाई को बचे नाले : 28
सफाई कर्मचारी : 380