कराहती मनरेगा को संजीवनी, मजदूरों को राहत
जागरण संवाददाता, बांदा : साल भर से काम की आस लगाए बैठे महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (म
जागरण संवाददाता, बांदा : साल भर से काम की आस लगाए बैठे महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के 1.20 लाख श्रमिकों को राहत मिलने वाली है। वित्तीय वर्ष के आखिरी माह में मनरेगा के फावड़ों की खामोशी दूर करने की कोशिश की जा रही है। मार्च में 32 लाख मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके सहारे लोकसभा चुनाव से पहले मजदूरों की नाराजगी दूर करने की तैयारी है।
केंद्र सरकार की सबसे बड़ी योजना मनरेगा लाखों श्रमिकों के भरण-पोषण का सहारा है लेकिन बजट होते हुए भी पूरे साल मनरेगा में काम नहीं हुआ जबकि सरकार ने योजना में करीब पांच अरब का बजट स्वीकृत किया था। मजदूर पूरे साल काम के लिए तरसते रहे। जिन मजदूरों ने फावड़े थामे वह भुगतान को भटकते रहे। ग्राम प्रधानों के पास जो बजट आया, वह सामग्री अंश में खर्च किया। ऐसे में सरकार के प्रति श्रमिकों में नाराजगी है। सरकार ने इसे भांपते हुए नाराज श्रमिकों को साधने की जुगत लगानी शुरू कर दी है। ग्राम्य विकास आयुक्त ने मार्च में जिले के 1.20 लाख श्रमिकों के लिए 32,3,229 मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य तय किया है। आयुक्त के निर्देश सीडीओ ने सभी खंड विकास अधिकारियों को जिम्मेदारी तय की है। बजट भी पर्याप्त उपलब्ध कराया जा रहा है। पूरे साल में इतने मानव दिवस सृजित नहीं हो पाए। वहीं एक माह में मनरेगा मजदूरों को भरपूर काम देने की तैयारी है।
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ये है लक्ष्य का आंकड़ा :
ब्लाक मानव दिवस का लक्ष्य
बबेरू 456424
बड़ोखर खुर्द 409605
बिसंडा 380610
जसपुरा 270096
कमासिन 350862
महुआ 419534
नरैनी 572325
¨तदवारी 343773
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योग- 3203229
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''मार्च माह में मनरेगा श्रमिकों को भरपूर कार्य मिलेगा। शासन के निर्देश पर सभी ब्लाकों में लक्ष्य तय कर दिया गया है। इसकी लगातार मानीट¨रग भी की जाएगी। लापरवाही मिलने पर कार्रवाई होगी। - राजेंद्रप्रसाद मिश्र, प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी