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होम्योपैथिक अधिकारी सहित डाक्टर व फार्मासिस्ट का वेतन रोका

जागरण संवाददाता बांदा जिलाधिकारी ने बुधवार को दोपहर जिला होम्योपैथिक अधिकारी कार्यालय

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 07:31 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 07:31 PM (IST)
होम्योपैथिक अधिकारी सहित डाक्टर व फार्मासिस्ट का वेतन रोका
होम्योपैथिक अधिकारी सहित डाक्टर व फार्मासिस्ट का वेतन रोका

जागरण संवाददाता, बांदा : जिलाधिकारी ने बुधवार को दोपहर जिला होम्योपैथिक अधिकारी कार्यालय व राजकीय जिला होम्योपैथिक अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। ड्यूटी से नदारद होम्योपैथिक अधिकारी, डाक्टर, फार्मासिस्ट सहित एलडीसी का वेतन रोक दिया। जिले भर में तैनात फार्मासिस्ट व अन्य कर्मचारियों की सूची तलब की। साथ ही व्यवस्थाओं को लेकर कड़ी चेतावनी दी

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जिलाधिकारी अनुराग पटेल को निरीक्षण में जिला होम्योपैथिक अधिकारी डा.प्रमोद कुमार दुबे अनुपस्थित मिले। फार्मासिस्ट सुनील कुमार ने बताया कि वह लखनऊ गए हैं। कार्यालय में कोई भ्रमण रजिस्टर नहीं मिला। उन्होंने उपस्थित रजिस्टर का अवलोकन किया। एलडीसी नीरज कुमार के दो दिनों से अनुपस्थित होने पर दो दिनों का वेतन रोक दिया। पता चला कि जिला होम्योपैथिक अधिकारी ने उपस्थित रजिस्टर को एक जनवरी से लेकर 22 सितंबर तक नहीं देखा। इससे साफ है कि वे कार्यालय में नियमित नहीं बैठते और न ही शासकीय कार्यों का समयबद्ध ढंग से निष्पादन किया जाता है। उन्होंने डा. प्रमोद कुमार दुबे का एक दिन का वेतन रोक दिया। डीएम ने फार्मासिस्ट सुनील कुमार से जनपद में संचालित होम्योपैथिक चिकित्सालय व उनमें कार्यरत फार्मासिस्ट और अन्य स्टाफ की सूची तलब की। निरीक्षण में उन्हें अस्पताल में गंदगी मिली। कुर्सियां व फोटो कापी मशीन खराब पड़ी थी। जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताई और फार्मासिस्ट सुनील कुमार को निर्देश दिये कि अभियान चलाकर साफ-सफाई करवाएं। इसके बाद उन्होंने राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय का निरीक्षण किया। होम्योपैथिक चिकित्सक डा. श्वेता व फार्मासिस्ट जगनंदन ड्रेस नहीं पहने मिले और न ही नेम प्लेट लगी थी। उनके चेंबर में एक कुत्ता घुसा हुआ था। जबकि डा. ऊषा मिश्रा अनुपस्थित थीं, जो बाद में आयीं। दोनों जींस पैंट पहनकर ड्यूटी कर रहे थे। डीएम ने स्टाक रजिस्टर में दवाइयों का विवरण पूछा तो नही बता पाए। 15 जनवरी से इसे अपडेट नहीं किया गया था। स्टाक में दवाओं की उपलब्धता का भी जिक्र नहीं था। यह गंभीर अनियमितता है। किसी भी समय बाजार में दवाएं बेची जा सकती हैं। डीएम ने रिकार्ड दुरुस्त करने को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया।


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