गरीबों के खाद्यान्न पर डाका, कोटेदार के खिलाफ एफआइआर, लाइसेंस निलंबित
जागरण संवाददाता बांदा कोटेदार ने कोरोना संक्रमण काल में भुखमरी का सामना कर रहे गर
जागरण संवाददाता, बांदा : कोटेदार ने कोरोना संक्रमण काल में भुखमरी का सामना कर रहे गरीबों के हक में डाल दिया। करीब 75 क्विटल गेहूं, चावल व चना की कालाबाजारी कर ली और रजिस्टर में फर्जी वितरण दिखा दिया। शिकायत पर डीएसओ ने पूर्ति निरीक्षक से मामले की जांच कराई तो कालाबाजारी की बात सामने आई। पूर्ति निरीक्षक ने थाने में कोटेदार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। डीएसओ ने कोटे का लाइसेंस भी निलंबित कर दिया।
शासन कोरोना संक्रमण काल में गरीबों के घर चूल्हा जलाने के लिए सस्ता व मुफ्त राशन बंटवा रहा है। आपूर्ति विभाग ने इसके लिए बाकायदा रोस्टर निर्धारित कर रखा है। पांच से 15 तक सस्ता राशन और 21 से 30 तारीख तक प्रधानमंत्री अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन दिया जा रहा है। प्रति कार्ड में दो किलो चना और प्रति यूनिट पांच किलो गेहूं व चावल दिया जा रहा है। बायोमीट्रिक मशीन में अंगूठा न लगने की दशा में एक दिन मैनुअल वितरण का निर्धारित किया गया है। लेकिन कोटेदार इसका गलत फायदा उठा रहे हैं। कमासिन ब्लाक के पाली गांव में कोटेदार रामकरण ने सितंबर माह प्रथम चक्र में कार्डधारकों से ई-पास मशीन में अंगूठा तो लगवा लिया, पर राशन नहीं दिया। पूर्व में भी राशन, चना वितरण में उसने अनियमितता बरती। ग्रामीणों की शिकायत पर जिला पूर्ति अधिकारी राजीव कुमार तिवारी ने बबेरू के पूर्ति निरीक्षक देवेंद्र सिंह से जांच कराई। मौके पर स्टॉक सत्यापन के दौरान 41.30 क्टिवल गेहूं, 30.32 क्विटल चावल और 6.75 क्विटल चना नदारद मिला। जांच में कोटेदार की कालाबाजारी सामने आने पर डीएसओ ने कोटे का लाइसेंस निलंबित कर दिया। पूर्ति निरीक्षक देवेंद्र सिंह तोमर ने बबेरू कोतवाली में कोटेदार के खिलाफ ईसी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई है। डीएसओ ने कहा कि संदेह के आधार पर अन्य कई कोटेदारों की भी जांच कराई जा रही है। यदि अनियमितता या कालाबाजारी सामने आई तो किसी को बख्शा नहीं जाएगा।