पुरानी पेंशन बहाली की मांग न माने जाने पर जताया आक्रोश
जागरण संवाददाता, बांदा : पुरानी पेंशन बहाली की मांग लेकर शिक्षक व कर्मचारियों ने तीसरे दि
जागरण संवाददाता, बांदा : पुरानी पेंशन बहाली की मांग लेकर शिक्षक व कर्मचारियों ने तीसरे दिन भी विकास भवन और तहसीलों में धरना दिया। विरोध प्रदर्शन करते हुए सरकार के रवैए के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया।
विकास भवन सभागार में कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के तत्वावधान में चल रहे धरने में जिलाध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी ने कहा कि जब तक पुरानी पेंशन बहाली नहीं होती शिक्षक व कर्मचारी चुप नहीं बैठेंगे। संयोजक राजकुमार श्रीवास्तव ने सरकार पर हठधर्मिता का आरोप लगाया। शशांक मिश्र, जय किशोर दीक्षित, ओपी दीक्षित, भुवनेंद्र यादव, रामकृष्ण त्रिपाठी, बागीश द्विवेदी, जेके नायक, संजय त्रिपाठी, गीता ¨सह, महेंद्र द्विवेदी, प्रमोद द्विवेदी, बाबूराम मिश्र आदि मौजूद रहे।
अतर्रा में आंदोलन के अंतिम दिन तहसील परिसर में प्रदर्शन के बाद मंच के तहसील अध्यक्ष केपी ¨सह ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार श्याममणि त्रिपाठी को दिया। कहा कि जल्द मांग पूरी नहीं होती तो 8 अक्टूबर को लखनऊ में धरना प्रदर्शन कर अनिश्चित कालीन हड़ताल की जाएगी। इस दौरान शिक्षक प्रजीत ¨सह, चंद्रशेखर त्रिपाठी, अमित पाठक, नीलम गुप्ता, संतोष सविता, रजनी चौरसिया, अमीन संघ के अंगनुराम, मौजीलाल आदि मौजूद रहे।
उधर, अतर्रा महाविद्यालय के शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ ने भी धरना दिया। तहसील में पेंशन बहाली मंच के साथ सम्मिलित हो ज्ञापन सौपा।
पैलानी तहसील में कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारियों ने पेंशन बहाली मंच के तहत मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन ब्लाक अध्यक्ष राजवीर ¨सह, हरवंश श्रीवास्तव के नेतृत्व में एसडीएम को सौंपा। इस मौके पर छोटूबाबू प्रजापति, चंद्रमोहन साहू, विवेक गुप्ता, लेखपाल संघ के कृष्णचंद्र, अमीन संघ के उदयराज, लल्लू ¨सह आदि मौजूद रहे। नरैनी में विनय प्रताप की अध्यक्षता में धरना प्रदर्शन किया गया। शिक्षक नेता सुनील वर्मा ने एकजुट होकर 8 अक्टूबर को लखनऊ कूच का आहवान किया। इस दौरान रामचंद्र वर्मा, सत्यप्रकाश शुक्ला, जफर अली, बीईओ आनंद पटेल, सविता ¨सह, रजनी जैन, कुसुम, नीरा यादव, अमीन संघ, पीडब्ल्यूडी, ग्रामविकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग के सैकड़ों कर्मचारी शामिल रहे।
बबेरू में अध्यक्ष जो¨गदर ¨सह की अगुवाई में एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर सरदार खां, आशुतोष गौतम, शिवकांत तिवारी, जगदीश पाल, जागेश्वर, राजकरन टैगोर, रामचंद्र यादव, अजय गुप्ता, उमेश वर्मा, कामता पाल, श्रीधर गुप्ता, अजय त्रिपाठी, ब्रजकिशोर अग्निहोत्री आदि रहे।
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एमडीएम के चूल्हे रहे ठंडे
बांदा : शिक्षकों के कार्य बहिष्कार व आंदोलन के चलते जिले के करीब दो हजार विद्यालयों में शैक्षणिक कार्य प्रभावित रहा। स्कूलों में पढ़ाई पूरी तरह पटरी से उतर गई। शिक्षामित्रों ने बच्चों को घेरे रखा। समय बिताने के बाद बच्चे घर चले गए। नौनिहालों की थालियां भी शुक्रवार को खाली रहीं। ज्यादातर स्कूलों के चूल्हे नहीं जले। इससे जिले के करीब सवा दो लाख छात्र-छात्राएं प्रभावित हुए। उन्हें भूखे पेट घर लौटना पड़ा।
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शिक्षकों के बोल-
-पुरानी पेंशन बहाली शिक्षकों का हक व अधिकार है। सरकार की हठधर्मिता से लाखों शिक्षक मायूस हैं। उनकी जायज मांगे माननी चाहिए।-आशुतोष त्रिपाठी,
-पेंशन शिक्षकों के बुढ़ापे का सहारा है। यदि यही नहीं रही तो उनका आखिरी समय कैसे बीतेगा। उनकी रोटी के लाले पड़ जाएंगे।-पूजा त्रिवेदी
-भाजपा सरकार में शिक्षकों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। उनके ऊपर नित नए कानून तो थोपे जाते हैं, पर उनकी आवाज सुनी जा रही है।-जैनब
-अपने इस अधिकार के लिए कर्मचारियों के साथ मिलकर शिक्षक आखिरी दम तक संघर्ष करेंगे। सरकार को उनकी सुननी ही पड़ेगी।-शशांक मिश्र