जनपद को झोलायुक्त और प्लास्टिक मुक्त बनाने का संकल्प
डीएम हीरालाल ने कहा कि शासन की मंशा है कि पालीथिन पर पूरी तरह अंकुश लगे। ताकि लोग पर्यावरण प्रदूषण से मुक्ति पा सकें। लेकिन इस पर रोक नहीं लग पा रही है। यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगी तो आगे भयावह परिणाम भुगतने होंगे। कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार
जागरण संवाददाता, बांदा : डीएम हीरालाल ने कहा कि शासन की मंशा है कि पॉलीथिन पर पूरी तरह अंकुश लगे। ताकि लोग पर्यावरण प्रदूषण से मुक्ति पा सकें। लेकिन इस पर रोक नहीं लग पा रही है। यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगी तो आगे भयावह परिणाम भुगतने होंगे।
कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को जिलाधिकारी ने एडीएम सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने पॉलीथिन के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पॉलीथिन के उपयोग के कारण मनुष्य ही नहीं जानवरों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है। गिरते भूजल स्तर के लिए भी यह जिम्मेदार है। यदि इसी तरह पॉलीथिन का उपयोग धड़ल्ले से होता रहा तो आने वाला भविष्य अच्छा नहीं होगा। उन्होंने लोगों से मार्मिक अपील की। कहा कि जनपदवासी पॉलीथिन को त्याग कर कपड़े, जूट व नायलान के बैग का उपयोग करें। जब भी घर से निकलें तो इसे साथ में अवश्य लाएं। वह मानते हैं कि पॉलीथिन लोगों की जिदगी का हिस्सा बन चुकी है। लेकिन यह जिदगी के लिए घातक भी है। चाहे अमीर हो या गरीब सभी को पॉलीथिन त्यागना होगा। इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार सिंह ने नगर निकायों द्वारा पालीथिन के खिलाफ अभियान के प्रगति की जानकारी दी। इस पर डीएम ने असंतोष जताया। कहा कि प्रतिबंधित पॉलीथिन के खिलाफ नियमित अभियान चलाएं। दुकानदारों के खिलाफ जुर्माना व अन्य कार्रवाई करें। इस मौके पर एडीएम संतोष बहादुर सिंह, एडीएम न्यायिक संजय कुमार, एसडीएम सदर संदीप कुमार आदि मौजूद रहे।