दामू तालाब में अवैध कब्जे को लेकर प्रशासन ने साधी चुप
संवाद सहयोगी, अतर्रा : तालाबों से अतिक्रमण हटावाने का डीएम का आदेश तहसीलों की आलमारियों
संवाद सहयोगी, अतर्रा : तालाबों से अतिक्रमण हटावाने का डीएम का आदेश तहसीलों की आलमारियों में बंद हैं। कस्बे के अति प्राचीन दामू तालाब में खुलेआम कब्जा किया जा रहा है। शनिवार को ट्रैक्टर-ट्राली से तालाब में मिट्टी पाटते समय दो को पुलिस ने पकड़ा, लेकिन मामला रफा-दफा कर दिया गया। यहां के बा¨शदों की आस्था से जुड़े नगर के बीचोबीच स्थित दामू तालाब को पाट कर निर्माण करने का कार्य इसके पूर्व भी हो चुका है। लेकिन ऐसे भू-माफिया पर कोई कार्रवाई न होने से उनके हौसले बुलंद हैं।
शासन एक तरफ एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स का गठन कर तालाबों व सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे खाली करवाने के निर्देश जारी कर रहा है तो दूसरी तरफ कस्बे के सुनारी गली के बगल में स्थित लगभग 300 वर्ष पुराने दामू तालाब (क्षेत्रफल 3.1902 हेक्टेयर) का अस्तित्व मिटाया जा रहा है। पालिका व प्रशासन की अनदेखी के कारण बीते 10 वर्षो के अंदर तालाब किनारे बसे आधा सैकड़ा लोगों ने पहले कूड़ा-करकट डालकर पाटने का कार्य किया। फिर उसी स्थान पर पक्के निर्माण कर स्थाई रूप से कब्जा जमा लिया। तालाब की यदि वर्तमान में पैमाइश कराई जाए तो तालाब के आधे से अधिक भू भाग में इमारते खड़ी हो चुकी हैं। मोहल्ले के भीमसेन त्रिवेदी का कहना है कि इस तालाब से यहां के लोगों की धर्मिक मान्यताएं भी जुड़ी हुई है। इस तालाब में पारंपरिक पूजा पाठ के साथ अंतिम संस्कार के स्नान आदि कार्य होते हैं। नीशू दुबे,पप्पू सोनी, संतोष सोनी आदि का कहना है कि तालाब समाप्त होने से जल निकासी का कोई मार्ग न होने के कारण बस्ती के लोगों के सामने गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाएगी। साथ ही जलस्तर भी बहुत कम हो जाएगा। इस संबंध में एसडीएम सौरभ शुक्ला का कहना है कि तालाब में बीते वर्षो में अवैध कब्जों की जानकारी है, लेकिन तालाब जमीदारी में दर्ज है। इसीलिए कार्रवाई करने में बिलंब हो रहा है।