सवा दो लाख पशुओं की फौज बनेगी रबी का ग्रहण
जागरण संवाददाता, बांदा : चित्रकूटधाम मंडल में अन्ना प्रथा सबसे बड़ी समस्या है। इस नासूर को खत्म
जागरण संवाददाता, बांदा : चित्रकूटधाम मंडल में अन्ना प्रथा सबसे बड़ी समस्या है। इस नासूर को खत्म करने के लिए सरकार द्वारा बधियाकरण, नस्ल सुधार, कृत्रिम गर्भाधान सहित गोशाला, पशु आश्रय स्थल, कान्हा पशु आश्रय स्थल व पशु वन्य विहार जैसी कई योजनाएं लागू की गईं। लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी अन्ना प्रथा में कोई अंतर नहीं आया है। अब किसान रबी फसल बोने की तैयारी कर रहे हैं। साथ ही उनके चेहरों में फसलों की सुरक्षा को लेकर एक तरह का भय भी है। इस साल अन्ना जानवर किसानों के लिए फिर मुसीबत बनने को तैयार हैं।
पशुपालन विभाग के मुताबिक चारों जिलों में मौजूदा समय में 12,90,203 गोवंश हैं। इनमें 2,13, 685 मवेशी छुट्टा हैं। खेतों में बछड़ों की महत्ता लगभग खत्म हो जाने के बाद इन्हें अन्ना छोड़ने का चलन सा बन गया है। तमाम योजनाओं और जागरूकता के बावजूद पशुपालक इन बछड़ों को घरों में बांधने से परहेज कर रहे हैं। नतीजे में अन्ना जानवरों की तादाद घटने के बजाए बढ़ती जा रही है। साथ ही फसलों की उपज कम हो रही है। किसानों के पास सुरक्षात्मक तरीका अपनाने की कोई व्यवस्था नहीं है। शासन तार-बाड़ अनुदान पर देने जैसी कोई योजना नहीं लागू कर रहा है। अब इधर, रबी की बुवाई का समय सिर पर है। किसान बुवाई की तैयारियों में जुट तो गए हैं, पर उनके चेहरों में अन्ना जानवरों का भय भी झलक रहा है।
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मंडल में अन्ना पशुओं की स्थिति
जिला ग्राम पंचायतें कुल गोवंश अन्ना पशु
बांदा 471 371509 69558
महोबा 273 228027 40950
चित्रकूट 335 421332 55300
हमीरपुर 339 269513 47550
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योग- 1418 1290381 213658
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-अन्ना पशुओं के लिए व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। इस साल कई गोशालाएं व पशु आश्रय स्थल तैयार हो जाएंगे। इससे काफी संख्या में अन्ना पर अंकुश लग सकेगा।-डा.एके ¨सह, अपर निदेशक, पशुपालन