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बांदा की फसलों में 17 पोषकतत्वों में एक की भी कमी हुई तो पैदावार प्रभावित

जागरण संवाददाता बांदा कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों को पोषक तत्वों के बारे में प्रशिक्षित

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 10:51 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 10:51 PM (IST)
बांदा की फसलों में 17 पोषकतत्वों में एक की भी कमी हुई तो पैदावार प्रभावित
बांदा की फसलों में 17 पोषकतत्वों में एक की भी कमी हुई तो पैदावार प्रभावित

जागरण संवाददाता, बांदा : कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों को पोषक तत्वों के बारे में प्रशिक्षित किया गया। इस दौरान वैज्ञानिकों ने पोषकतत्व व उसके महत्व के बारे में बताया। कहा कि फसलों में 17 पोषकतत्वों की जरूरत होती है। इनमें से यदि एक भी कम है तो पैदावार प्रभावित हो जाती है। इसलिए किसान अच्छी उपज के लिए पोषकतत्वों पर जरूर ध्यान दें।

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कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत फसलों में पोषक तत्वों का महत्व विषय पर एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण में वरिष्ठ वैज्ञानिक व केंद्र अध्यक्ष डॅा. श्याम सिंह ने किसानों को फसलोत्पादन में पेाषक तत्वों के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। बताया कि जिस तरह मनुष्य को अच्छे स्वास्थ्य के लिये पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है,ठीक उसी प्रकार फसलों से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिये पौधो को भी 17 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इनमें से तीन हवा व पानी से पर्याप्त मात्रा में मिल जाते हैं। शेष 14 पोषकतत्व भूमि से पौधा लेता है। इन 14 में से 6 पोषक तत्वों को ज्यादा मात्रा में पौधा लेता है। शेष 8 तत्वों की सूक्ष्म मात्रा ही पौधे को चाहिए। सूक्ष्म पोषक तत्वो में बोरान, क्लोरीन, कॉपर, लेाहा, मेंलिडेनम, निकल, जिक शामिल हैं। पौधे को जमाव से लेकर पकने में विभिन्न क्रियाओं को संपन्न करने में कहीं न कहीं इन सभी 17 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती हेै। किसी भी एक की कमी से पैदावार प्रभावित होती है। भूमि में पोषक तत्वों की कमी होने के कारण उनको उर्वरकों के माध्यम से फसलों में प्रयोग किया जाता है। डॉ.सिंह ने बताया कि गुणवत्ता पूर्ण भरपूर फसलोत्पादन लेने के लिए पोषकतत्वों को भूमि जांच के आधार पर प्रयोग करना जरूरी है। गोबर की सड़ी खाद (10 टन प्रति हेक्टेयर) या हरी खाद का प्रयोग करने पर उर्वरक के रूप में दिये गये पोषक तत्वों का फसलें अच्छी प्रकार से प्रयोग करती हैं। साथ ही भूमि का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। खादों का प्रयोग करते समय किसान इस बात पर विशेष ध्यान दे कि फसलें उनका सही से उपयोग कर सकें। इसके लिये यूरिया को छोड़कर शेष सभी खादें बुआई से पूर्व या बुआई के समय खेत में डालें। सिर्फ यूरिया को ही खड़ी फसल में नमी की स्थिति में प्रयोग करना चाहिये। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 15 किसानों ने भाग लिया

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