Move to Jagran APP

डाक विभाग में फंसा बहनों का शगुन

जागरण संवाददाता, बांदा : एक ओर सरकार डाक घर को बैंक के समान संचालित करने का दावा कर र

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 11:07 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 11:07 PM (IST)
डाक विभाग में फंसा बहनों का शगुन
डाक विभाग में फंसा बहनों का शगुन

जागरण संवाददाता, बांदा : एक ओर सरकार डाक घर को बैंक के समान संचालित करने का दावा कर रहा है। डाकघर में एटीएम खोजे जाने के साथ ही आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। वहीं दूसरी ओर डाक विभाग की लचर कार्यप्रणाली लोगों की परेशानी का सबब बनी हुई है। अगस्त माह में पहले तो विभाग की लापरवाही से दूर बैठे भाइयों की कलाई सूनी रह गई। अब भाइयों द्वारा सगुन भी बहनों तक नहीं पहुंच पा रहा है। चित्रकूटधाम मंडल में अगस्त माह के करीब 250 ई-एमओ (मनीआर्डर) अभी तक नहीं बांटे गए। इसकी वजह डाक विभाग के सिस्टम में अपग्रेडशन की प्रक्रिया को बताया जा रहा है। जबकि नियम है कि बु¨कग के दूसरे दिन ही डिलीवरी हो जानी चाहिए। लेकिन डाकघरों में भाइयों द्वारा बहनों का भेजे गए शगुन के लाखों रुपये अभी तक फंसा है।

loksabha election banner

-----------

स्क्री¨नग में सैकड़ों ई-एमओ लंबित

प्रधान डाकघर में बुधवार को भी करीब 100 ई-एमओ लंबित पाए गए। अलीगंज डाकघर में 30 ई-एमओ की डिलीवरी नहीं हो सकी थी। चित्रकूटधाम मंडल में पर्व पर करीब 10 लाख रुपये तक के ई-एमओ भेजे जाते हैं। यदि दूसरे जनपदों से आने वाले ई-एमओ को जोड़ें तो करीब डेढ़ लाख रुपये नेग के रूप में मंडल के भाई-बहनों के फंसे हुए हैं।

----------

अपग्रेड हो रहा साफ्टवेयर

डाकघरों में नया साफ्टवेयर कोर सिस्टम इंटीग्रेटर (सीएसई) पिछले साल ही लांच हो चुका है। लेकिन यह अभी तक अपग्रेड नहीं हो सका। पुराने साफ्टवेयर मेघदूत प्वाइंट आफ सेल, ट्रेजरी, सब एकाउंट आदि रिप्लेस हो चुके हैं। फिर भी समस्या वही का वही है। बार-बार सिस्टम हैंग होने से कई ई-एमओ फाइलें संबंधित डाकघर में ट्रांसफर ही नहीं हुई। कई मामलों में मनी आर्डर करने वाले के पास स्लिप में पता ठीक है, पर साइट पर आधा अधूरा है।

-------

केस-1

रक्षाबंधन पर्व पर मानिकपुर में रहने वाले उसके भाई घनश्याम ने शगुन में ई-एमओ के जरिए उसे 3150 रुपये भेजे थे। अभी तक भुगतान नहीं किया गया।-सावित्री देवी, अलीगंज

केस-2

बहराइच जनपद में नौकरी कर रहे कालूकुआं निवासी राममिलन ने उसे 264 रुपये का शगुन भेजा था। तब से कोई न कोई तकनीकी बहाना बनाकर लौटा दिया जाता है।

मीना गुप्ता, कालूकुआं केस-3

नरैनी से उसके भइया ने रक्षाबंधन पर राखी के बदले उसे 3675 रुपये मनीआर्डर किए थे। करीब एक माह का समय बीत गया। लेकिन भुगतान नहीं हुआ।-सूफिया, रहुनियां ---------

तकनीकी दिक्कतों की वजह से ई-एमओ की डिलीवरी में विलंब हुआ है। सिस्टम सही होते ही इस सप्ताह सभी लंबित मामले निपटा दिए जाएंगे।

-एपी वर्मा, सहायक डाक अधीक्षक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.