दम तोड़ने वाली किशोरी के खिलाफ पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
जागरण संवाददाता बांदा धन्य है बांदा पुलिस। संदिग्ध हालात में घर में गोली लगने से जान गंवाने व
जागरण संवाददाता, बांदा : धन्य है बांदा पुलिस। संदिग्ध हालात में घर में गोली लगने से जान गंवाने वाली किशोरी के खिलाफ ही पुलिस ने
आर्म्स एक्ट की धारा में प्राथमिकी दर्ज की है। सफाई यह कि ताऊ की तहरीर पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। बड़ा सवाल कि आखिर खुद की जान लेने के लिए किशोरी को तमंचा कहां से मिला, उसने खरीदा या किसी ने गिफ्ट किया। आखिर पुलिस किसे बचाना चाहती है। एक दिन पहले तक स्वजन व पुलिस एक ही राग अलाप रहे थे कि घर की सफाई करते समय धोखे से गोली चल गई और किशोरी को लग गई। यह दीगर बात है कि घटना के बाद से ही ग्रामीणों में कई तरह की चर्चा जोरों पर थी। पुलिस ने तमंचा कहां से आया और किसने घर में रखा था की जांच से साफ बचती नजर आ रही है।
जसपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम झंझरीपुरवा निवासी ट्रक चालक उदयवीर सिंह की 16 वर्षीय पुत्री प्रियांशी रविवार दोपहर घर में संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से घायल हो गई थी। गोली चलने की आवाज सुनकर ताऊ कल्लू व अन्य स्वजन मौके पर पहुंचे तो वह गंभीर रूप से लहूलुहान मिली। सीएचसी से किशोरी को जिला अस्पताल फिर यहां से कानपुर रेफर कर दिया गया था। चिकित्सकों के मुताबिक गोली उसके पेट से लगकर पीठ की ओर से पार निकल गई। कानपुर ले जाते समय चौडगरा के पास उसने दम तोड़ दिया था। मां साधना ने बताया था कि घर में सफाई करते समय घर में रखा तमंचा धोखे से चल गया है।
दारोगा ने मौके से बरामद किया था तमंचा
घटना के काफी देर बाद पुलिस पहुंची थी और किशोरी का बयान तक दर्ज नहीं कर सकी थी। जिला अस्पताल में एक तीमारदार के पास पुलिस फोन जरूर आया था, जिसमें घटना को लेकर जानकारी मांगी गई थी। इधर, देर शाम पहुंचे दारोगा पीआर गौरव ने घटनास्थल से तमंचा बरामद किया था।
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आखिर किसे बचाना चाह रही पुलिस
थानाध्यक्ष सुनील सिंह ने बताया कि किशोरी के ताऊ कल्लू ने तहरीर दी है। उनके मुताबिक प्रियांशी को कहीं से तमंचा मिल गया, जिसे देखने के दौरान गोली चल गई और उसे लग गई थी। सवाल उठता है कि आखिर वह कौन है जिसने किशोरी को तमंचा दिया। प्रियांशी ने तमंचा किस मकसद से लिया। कहीं ऐसा तो नहीं कि पुलिस पूरे मामले को दूसरी दिशा देकर किसी को बचाना चाहती है।
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जांच हो तो दूसरी कहानी आ सकती है सामने
घटना के बाद से ही ग्रामीणों में दूसरी ही चर्चा हो रही थी। आखिर घर की रसोई में गोली लगी तो जाहिर है कि प्रियांशी वहां ले जाकर तमंचा नहीं देख रही होगी। इसके लिए घर में किसी ऐसी जगह का चयन करती, जहां उसे कोई देख नहीं सके। चिकित्सक बताते हैं कि गोली पेट से सटाकर मारी गई है या लगी है। किशोरी ने खुद तमंचा लोड किया या फिर वह पहले से लोड था, इस बिदु की भी पुलिस अनदेखी कर रही है। पुलिस की मान भी लें कि किशोरी तमंचा कहीं से लेकर आई तो सवाल यह भी है कि आखिर निर्माण कहां हो रहा है, जो इतनी आसानी से घातक अवैध असलहा मिला। जाहिर है कि गहराई से जांच हो तो घटना की कुछ दूसरी ही कहानी सामने आ सकती है।