पीएम आवास नहीं हुए पूरे, पक्के घरों के अरमान अधूरे
जागरण संवाददाता, बांदा : वर्ष 2018 में पक्की छत की आस लगाए बैठे मंडल के हजारों लोगों के अरमान
जागरण संवाददाता, बांदा : वर्ष 2018 में पक्की छत की आस लगाए बैठे मंडल के हजारों लोगों के अरमान अधूरे ही रह गए। ग्राम्य विकास विभाग की सुस्त चाल और लापरवाही की बानगी है कि मंडल में चालीस फीसद से अधिक आवास अभी अधूरे पड़े हैं। वहीं किस्त की बात करें तो साल के अंत तक दूसरी किस्त का मिलना तो छोड़िए अभी 100 लाभार्थियों को पहली किस्त भी नहीं मिल सकी है। इनमें बांदा और महोबा की स्थिति सबसे खराब है।
शासन ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत इस वर्ष चित्रकूट धाम मंडल में 9662 आवास बनाने का लक्ष्य तय किया था। इसके लिए लाभार्थियों का चयन किया गया, जिसमें सर्वाधिक 5311 लाभार्थी बांदा के शामिल हुए।
शासन द्वारा आवास की कुल लागत 1.40 लाख रुपये निर्धारित की गई है। जिसके तहत पहली किस्त 60 हजार रुपये की किस्त दी जाती है। ग्राम्य विकास विभाग की लापरवाही का नतीजा ही है कि कि पहली किस्त अभी तक 9562 लाभार्थियों को ही मिल सकी है, जबकि चित्रकूट से तीन, बांदा से 77, महोबा से नौ और हमीरपुर से एक लाभार्थी किस्त के लिए भटक रहे हैं। इसी तरह 923 लाभार्थियों को दूसरी किस्त का इंतजार है।
कुल मिलाकर विभाग मंडल में महज 988 आवास ही बनवा सका है। इससे नए साल के मौके पर पक्की छत का सपना देख रहे 8639 लाभार्थियों के अरमान धरे रह गए। मजबूरन, ठंड में ठिठुरने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं।
मंडल के आवास पर एक नजर
जिला लक्ष्य निर्मित अधूरे
चित्रकूट 1766 128 1477
बांदा 5311 323 4793
महोबा 1288 109 1105
हमीरपुर 1297 430 1264
योग 9662 988 8639 ''प्रधानमंत्री आवास शासन की प्राथमिकता में हैं। आए दिन वीडियो कान्फ्रें¨सग में इसकी रिपोर्ट ली जा रही है। अधूरे आवास पूरा कराने के लिए जिलाधिकारियों को एक माह का समय दिया गया है। इसके बाद जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी।''
- एसके ¨सह, मंडलायुक्त, चित्रकूटधाम मंडल