राजकीय केंद्रों पर बीजों का टोटा, किसान परेशान
जागरण संवाददाता, बांदा : रबी की बुआई का ये महत्वपूर्ण काल चल रहा है। इसके लिए किसानों ने
जागरण संवाददाता, बांदा : रबी की बुआई का ये महत्वपूर्ण काल चल रहा है। इसके लिए किसानों ने किसी तहर सिंचाई व खाद को तो इंतजाम कर लिया मगर अब सबसे बड़ी समस्या बनकर सामने आई है बीज की। आखिर बीज के बिना वह फसल कैसे उगाएंगे। राजकीय भंडारों में बीज की बेहद कमी है। जिले को इस बार 6483 क्विंटल बीज का आवंटन हुआ था। इसमें ज्यादातर बीज की बिक्री होने का दावा दिया जा रहा है। मौजूदा समय में कृषि विभाग के पास महज 418 क्विंटल बीज बचा है। खासकर गेहूं की स्थानीय मौसम के मुताबिक तैयार होने वाली गेहूं की के प्रजातियों के बीज खत्म हो गए हैं। परेशान किसान बीज के लिए प्राइवेट दुकानों से महंगे दामों में बीज खरीद रहे हैं।
जिले में 323956 हेक्टेअर में रबी की बोआई का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन ¨सचाई की कमी की वजह से महज 60 फीसद ही फसल बोई जा सकी। ज्यादातर किसानों को इस समय गेहूं व चना की बोआई करना चाहते हैं। लेकिन ऐन मौके पर बीज की कमी उन्हें परेशान कर रही है। कृषि विभाग की मानें तो इस साल चना, मसूर, मटर, अलसी और गेहूं का करीब 6483 क्विंटल प्रमाणित बीज आवंटित हुआ था। इसमें से 60066 क्विंटल बीज का वितरण किसानों को किया जा चुका है। मौजूदा समय में 418 क्विंटल बीज बफर व बिक्री केंद्रों पर उपलब्ध है। इनमें गेहूं का 215, अलसी का एक क्विंटल चना का 20 क्विंटल, मसूर का बीज 10 ¨क्वटल है। मटर का बीज स्टाक व केंद्रों में खत्म है। जबकि किसान अभी इसी बुवाई कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि बीज मंगाया जा रहा है। किसानों का कहना है कि सरकारी केंद्रों में एचडी-3086 प्रजाति का गेहूं बीज है। लेकिन यह यहां के अनुकूल नहीं है। ¨सचाई की ज्यादा जरूरत होती है।
-------
-किसानों को बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। बिक्री के मुताबिक शासन को बीज की डिमांड भेजी जा रही है। गेहूं का बीज यदि कम हुआ तो जल्द मंगा लिया जाएगा।-प्रमोद कुमार, जिला कृषि अधिकारी, बांदा