पीडी ने सचिव व प्रधान को दी कारण बताओ नोटिस
जागरण संवाददाता, बांदा : विधायक निधि से डा.बीआर अंबेडकर सामुदायिक भवन निर्माण के लिए आठ
जागरण संवाददाता, बांदा : विधायक निधि से डा.बीआर अंबेडकर सामुदायिक भवन निर्माण के लिए आठ लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे। पहली किश्त में 4.80 लाख रुपये ग्राम पंचायत को जारी किए गए। लेकिन दो साल बीतने के बाद भी सचिव व प्रधान ने काम पूरा नहीं कराया। जबकि धनराशि पूरी खर्च कर दी। पीडी ने दोनों को कारण बताओ नोटिस देते हुए तीन दिन में जवाब मांगा है। संतोषजनक जवाब न देने पर वसूली की चेतावनी दी।
परियोजना निदेशक आरपी मिश्रा ने बताया कि विधान मंडल क्षेत्र विकास निधि से नरैनी ब्लाक के पुकारी ग्राम पंचायत में वर्ष 2016-17 में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 8 लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे। इसमें प्रशासनिक स्वीकृत देते हुए पहली किश्त में पंचायत को 4.80 लाख रुपये 25 अक्तूबर 2016 को अवमुक्त किए गए। करीब दो वर्ष का पर्याप्त समय बीत गया। सचिव व प्रधान ने पहली किश्त की पूरी धनराशि खर्च कर डाली, लेकिन मानक के अनुसार निर्माण पूरा नहीं हुआ। औपचारिक रूप से दूसरी किश्त की डिमांड के लिए मांगपत्र भेज दिया गाय। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य पूरा कराने के लिए यहां तकनीकी अनुभाग द्वारा कई बार फोन से इस बाबत जानकारी मांगी गई, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया। डिस्पले बोर्ड सहित निर्माण कार्य के फोटोग्राफ भी नहीं दिए। उन्होंने कहा कि सामुदायिक भवन के मद को मिली धनराशि भी शासन से फ्रीज होने की संभावना है। यदि धनराशि वापस हो गई तो इसके लिए सचिव व प्रधान जिम्मेदार होंगे। परियोजना निदेशक ने कहा है कि तीन दिन के अंदर स्पष्ट करें कि किन कारणों से निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया। संतोषजनक जवाब मिलने पर प्रथम किश्त की खर्च की गई धनराशि दोनों से वसूल की जाएगी।
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तीन दिन में मांगी प्रगति रिपोर्ट
बांदा : जिला ग्राम्य विकास अभिकरण (डीआरडीए) परियोजना निदेशक आरपी मिश्रा ने महुआ ब्लाक के गोखिया व मुरवां गांव में बारात घर निर्माण में लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए प्रधान व सचिव से तीन दिन में प्रगति रिपोर्ट तलब की है। कहा कि वर्ष 2017-18 में विधायक निधि से बारात घर के लिए 6 लाख रुपये स्वीकृत हुए। 26 फरवरी को पहली किश्त में 3.60 लाख रुपये दिए गए। इसी तरह मुरवा ग्राम पंचायत में पिछले साल बारात घर के लिए 21 लाख स्वीकृत किए गए थे। इसमें से 12.60 लाख रुपये 26 मार्च को जारी हुए। दोनों ग्राम पंचायत से पूरी धनराशि खर्च होने के बाद दूसरी किश्त की मांग नहीं की गई। शासन स्तर पर समीक्षा में प्रगति खराब होने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की गई है। उन्होंने प्रधानों व सचिवों से वित्तीय एवं भौतिक रिपोर्ट तीन दिन में मांगी है। कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।