खरीद बंद होने के बाद भी नहीं मिला धान का पैसा
संवाद सहयोगी अतर्रा किसानों की आय दोगुनी करने के साथ ही उनकी मेहनत का प्रतिफल समय से
संवाद सहयोगी, अतर्रा : किसानों की आय दोगुनी करने के साथ ही उनकी मेहनत का प्रतिफल समय से मिले इसको लेकर सरकार लगातार प्रयासरत है मगर बांदा जनपद के अतर्रा में किसान अपनी मेहनत का उचित प्रतिफल पाना तो दूर सरकारी क्रय केंद्र पर विक्रय किए गए धान का दाम पाने के लिए भी दर-दर भटक रहे हैं। तहसील आंकड़ों की माने तो करीब एक सैकड़ा किसानों की करीब 75 लाख रुपये से अधिक की धनराशि बकाया है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ये दावा फेल साबित हो रहा है कि क्रय केंद्रों पर खरीद के 72 घंटे के भीतर कृषक के खाते में धनराशि भेज दी जाए।
शासन ने धान खरीद के लिए 1 अक्टूबर 2018 से 28 फरवरी तक का समय निर्धारित किया था। साथ ही बिक्री के बाद तीन दिन के अंदर खाते में धनराशि भेजने का निर्देश दिए थे। पीसीएफ ने शासन के निर्देशों को दरकिनार कर 140 किसानों का 75 लाख 90 हजार रुपये का भुगतान अब तक नहीं किया है। पीसीएफ के जनपद में कुल आठ केंद्र खोले गए थे। सभी केंद्रों में एक जैसे हालात हैं। किसान अपनी फसल बेचने के बाद केंद्रों व बैंकों के चक्कर लगा रहा है।
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एफसीआइ से धान का भुगतान समय से न होने के कारण किसानों के भुगतान में देरी हो गयी है। उच्चाधिकारियों से बात कर तीन दिन के अंदर कृषकों का भुगतान कराया जाएगा। -हरिओम शुक्ल, जिला प्रबंधक
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केस -1
अतर्रा निवासी देवनाथ ने करीब एक माह पूर्व पीसीएफ धान खरीद केंद्र पर 96 क्विंटल धान बेचा था। उन्हें ये कहकर वहां से भेजा गया कि तीन दिन में पैसा खाते में आ जाएगा। मगर अभी तक भुगतान नहीं किया गया। केंद्र प्रभारी रोज एक दो दिन की बात कह लौटा देता है।
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केस दो
आउ निवासिनी विमला देवी ने पहले समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने के लिए एक सप्ताह तक गल्ला मंडी में इंतजार किया। किसी तरह धान का विक्रय हुआ। अब 24 दिन से भुगतान को चक्कर काट रहीं हूं।