Move to Jagran APP

सावधानी ही बचा सकती है सर्पदंश से जान

जागरण संवाददाता बांदा बारिश के सीजन में सांप के डसने की घटनाएं बढ़ गई हैं। बिलों में

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 05:08 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 05:08 PM (IST)
सावधानी ही बचा सकती है सर्पदंश से जान
सावधानी ही बचा सकती है सर्पदंश से जान

केस एक :::: महोबा के श्रीनगर कस्बा में बजरंग कालोनी निवासी मुनीवर मंसूरी का एक मासूम बेटा और बेटी चारपाई पर सो रहे थे। रात करीब तीन बजे दोनों को सर्प ने डंस लिया था। इसके बाद भी स्वजन करीब पांच बजे दोनों मासूमों को जिला अस्पताल लेकर आए थे। डाक्टर आरपी मिश्रा के अनुसार यदि सर्प के डसने के एक घंटे के अंदर उन्हें जिला अस्पताल ले आते तो दोनों की जान बचाई जा सकती थी।

loksabha election banner

------------------------

केस - बांदा के कमासिन थाना क्षेत्र के ग्राम जामू निवासी 50 वर्षीय किसान चुनूबाद पांच जुलाई को खेत में घुसे मवेशी भगा रहे थे। तभी उन्हें सांप ने डंस लिया। स्वजन पहले झाड़ फूंक कराने ले गए। इस बीच समय बर्बाद हुआ। हालत में सुधार न होने पर बबेरू सीएचसी ले गए जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत बता दिया।

-----------------------

जागरण संवाददाता, बांदा : बारिश के सीजन में सांप के डसने की घटनाएं बढ़ गई हैं। बिलों में पानी जाने से विषधर बाहर निकल आते हैं। इससे वह आबादी या ऊंचे स्थानों की ओर आ जाते हैं। इससे आए दिन लोग इनका शिकार हो जाते हैं। इन सांपों के काटने से कुछ लोगों की मौत हो जाती है तो कुछ लोग जो समय पर अस्पताल पहुंच जाते हैं। उनकी जान बच जाती है। लेकिन घबराएं नहीं चिकित्सीय सुझाव मानकर सर्पदंश से जान बचाई जा सकती है।

जुलाई माह में जमकर हुई बारिश से इस माह बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा और जालौन में करीब आधा सैकड़ा लोग इनके प्रकोप का शिकार हो जाए। इनमें करीब 24 लोग काल का निवाला बने हैं। जबकि इतनों ने ही सरकारी अस्पतालों में जाकर अपना उपचार कराया है। जिसमें एंटी स्नैक वैक्सीन व चिकित्सीय उपचार के बाद उनकी जान बची है। जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डा. एसडी त्रिपाठी बताते हैं कि सांप के डसने के बाद मरीज को धैर्य नहीं खोना चाहिए। मन को मजबूत रखें। समय पर उपचार मिलने से मरीज की जान बच सकती है।

-----------------------

ऐसे खुद को बचाएं

- जहां सांप ने काटा हो उससे करीब छह अंगुल की दूरी पर पहला बंधन लगाएं।

- बंधन इतना टाइट होना चाहिए कि उसमें कोशिश कर सिर्फ एक अंगुली ही जा सके।

- जहां सांप ने काटा हो उस घाव को डिटाल या एंटिसेप्टिक से साफ कर दें।

- मरीज को स्थिर कर दें, उसे ज्यादा हिलाना-डुलाना नहीं है।

- जल्द से जल्द मरीज को चिकित्सक के पास लेकर जाएं।

- अगर सांप को देखा है तो चिकित्सक को बताएं कि कौन से सांप था ताकि उसके विष का आंकलन किया जा सके।

---------------------

ऐसा बिलकुल न करें

- कटे हुए स्थान पर बर्फ या गर्म पदार्थ का प्रयोग न करें।

- अप्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा कटे हुए स्थान पर पट्टी न बंधवाएं।

- काटे गए स्थान पर चीरा न लगाएं।

- जिसे सांप ने काटा हो उसे चलने से रोकें।

- शराब व नींद की दवा का प्रयोग बिलकुल न करें।

- तांत्रिक व ओझा के पास बिलकुल न जाएं। मरीज को जल्द से जल्द अस्पतल लेकर आएं।

------------------------

बांदा में यह है वैक्सीन की स्थिति

- जनपद के हर पीएचसी व सीएचसी में यानि 54 सेंटरों में पांच से चार वायल उपलब्ध है। इस तरह अस्पतालों में करीब 260 एंटी वैक्सीन वायल की उपलब्धता है। इसके अलावा 95 वैक्सीन की वायल भंडार कक्ष में सुरक्षित रखी है। चार सौ वायल का अलग से आर्डर लगाया गया है।

-----------------------

कहां कितनों की गई जान

जिला कितनों को काटा मौत

बांदा 25 से 30 7

चित्रकूट 12 7

हमीरपुर 15 00

महोबा 15 10

जालौन

------------------------

चार लाख रुपये मुआवजे का है प्राविधान

सांप के काटने पर होने वाली मृत्यु में अधिकांश लोगों को मुआवजा नहीं मिल पाता। लेकिन सरकार की ओर से ऐसे लोगों के आश्रितों का चार लाख रुपये दिए जाने का प्राविधान है। नियमों के अनुसार मृत्यु होने पर पोस्टमार्टम या पंचनामा होना अनिवार्य है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.