मायके जाने से मना करने पर नर्स ने आग लगाकर दी जान
संदिग्ध परिस्थितियों में नर्स ने आग लगाकर जान दे दी। लपटों ने गृहस्थी व मकान का ऊपरी हिस्सा जलाकर खाक कर दिया। मायके पक्ष ने ससुरालीजनों के विरुद्ध प्रताड़ना का आरोप लगाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मोहल्ला खांईपार निवासी 25 वर्षीय नर्स अर्चना पत्नी सुशील वर्मा ने
जागरण संवाददाता, बांदा : मायके न जाने देने से आक्रोशित नर्स ने घर में ही केरोसिन डालकर आग लगा ली। आग की लपटों की चपेट में आकर घर में रखा सामान भी जलने लगा। तेज उठ रही लपटों से आसपास के लोगों को जानकारी हो सकी। जब तक आग बुझाई जाती नर्स की मौत हो गई। मायके से आए लोगों ने प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
25 वर्षीय अर्चना की शादी वर्ष 2012 में मोहल्ला खांईपार निवासी सुशील वर्मा के साथ हुई थी। शादी के बाद अर्चना ने पढ़ने की इच्छा जाहिर की तो ससुराल वालों ने कानपुर स्थित एक कॉलेज से उसे नर्सिग का कोर्स भी कराया। इसी दौरान अर्चना को एक बेटा भी हुआ। करीब डेढ़ वर्ष पूर्व बेटा होने के बाद से उसकी परवरिश को लेकर अर्चना का नर्सिग होम जाना बंद हो गया। आरोप है कि ससुराल वालों ने मायके बात करना व जाना भी बंद करा दिया। इससे नाराज होकर अर्चना ने रविवार को घर के ऊपर वाले कमरे में जाकर अपने ऊपर केरोसिन उड़ेल लिया और आग लगा ली। आग की लपटें इतनी बढ़ीं की घर का सामान भी जलने लगा। कमरे से आग निकलता देख आसपास के लोग दौड़ पड़े।
पड़ोसियों ने समरसेबल की मदद से आग बुझाई। लेकिन तब तक अर्चना की मौत हो चुकी थी। ससुर शिवगोपाल ने बताया कि बहू को यहां कोई दिक्कत नहीं थी। आग लगाने का कारण भी नहीं बता सके। वहीं अर्चन के पिता मोहल्ला गायत्री नगर निवासी पिता जगनंदन का कहना था कि एक साल पहले बेटी ने बताया था कि ससुरालीजन उसे मोबाइल पर मायके बात नहीं करने देते हैं। इसके अलावा मायके भी भेजने से मना कर रहे हैं। आशंका है कि प्रताड़ना के चलते घटना हुई है। कोतवाली प्रभारी अखिलेश मिश्रा ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। हालाकि अभी तक किसी भी पक्ष ने कोई तहरीर नहीं दी है।