काम हुए नहीं, धनराशि हो गई खर्च
जागरण संवाददाता, बांदा : क्रिटिकल गैप मद से जिलाधिकारी ने विभिन्न विभागों को पिछले साल 75 लाख
जागरण संवाददाता, बांदा : क्रिटिकल गैप मद से जिलाधिकारी ने विभिन्न विभागों को पिछले साल 75 लाख रुपये की धनराशि आवंटित की थी। इस धनराशि से हैंडपंप, राजकीय नलकूप, टिनशेड और गार्डरूम आदि के कार्य कराए जाने थे। विभागों ने धनराशि तो पूरी खर्च कर डाली लेकिन काम कहीं नहीं दिखाई दे रहा है। आदेश के बावजूद अधिकारियों ने उपभोग प्रमाण पत्र तक नहीं दिया। डीएम ने अधिकारियों से दो दिन में स्पष्टीकरण मांगा है।
जिले में पूंजीगत विकास कार्यों के लिए शासन ने पिछले साल 12 सितंबर को 60 लाख रुपये ग्रामीण क्षेत्रों के लिए और 15 लाख रुपये शहरी क्षेत्रों के लिए आवंटित किए थे। डीएम के अनुमोदन के बाद 28 मार्च को कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, नरैनी में गार्डरूम बनवाने के लिए 3.1 लाख रुपये दिए गए लेकिन ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने अभी तक न तो कार्य शुरू कराने की रिपोर्ट दी और न उपभोग प्रमाणपत्र के साथ फोटोग्राफ भेजे। लोक निर्माण विभाग को 11 जनवरी को राजकीय जिला पुस्ताकलय में टिनशेड निर्माण को 72 हजार रुपये दिए। नलकूप खंड अधिशासी अभियंता को पिछले साल दिसंबर में ग्राम कोनी में राजकीय नलकूप लगवाने के लिए 30.70 लाख रुपये दिए गए। उत्तर प्रदेश जल निगम 16वीं शाखा को नवनिर्मित पैलानी तहसील भवन में आम लोगों को पेयजल के लिए हैंडपंप लगाने को 60 हजार, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय महुआ में हैंडपंप के लिए 60 हजार और अन्य गांवों में चार हैंडपंपों के लिए 2.42 लाख (कुल 3.63 लाख रुपये) 28 मार्च को क्रिटिकल गैप मद से जारी किए गए। उत्तर प्रदेश जल निगम यांत्रिक शाखा को 28 मार्च को नवनिर्मित सर्किट हाउस राजकीय कालोनी में पेयजल के लिए दो हैंडपंप लगाने को 1.60 लाख रुपये दिए गए। इन विभागों ने आदेश के बावजूद अभी तक प्रगति रिपोर्ट जिला अर्थ एवं संख्या विभाग में नहीं दी। डीएम ने लापरवाही पर संबंधित अधिकारियों को दो दिन में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं।
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क्रिटिकल गैप मद से जनहित के कार्य संबंधित अधिकारियों के प्रस्ताव पर कराए जाते हैं। डीएम के आदेश के बाद भी आज तक अधिकारियों ने प्रगति रिपोर्ट नहीं भेजी। दो दिन में जवाब न देने पर डीएम को संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।
-संजीव कुमार बघेल, डीएसटीओ