गबन में मलेरिया निरीक्षक निलंबित, सीएमओ सहित 18 का वेतन रोका
ला मलेरिया अधिकारी
गबन में मलेरिया निरीक्षक निलंबित, सीएमओ सहित 18 का वेतन रोका
जागरण संवाददाता, बांदा : जिलाधिकारी ने शुक्रवार को सुबह मुख्य चिकित्साधिकारी और जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान सीएमओ सहित 18 चिकित्साधिकारी और कर्मचारी गैरहाजिर मिले। डीएम ने इन सभी का एक दिन का वेतन रोक दिया। इनसे लिखित स्पष्टीकरण मांगा है। वहीं मौके से स्टाक गायब होने पर मलेरिया निरीक्षक को निलंबित कर दिया। दोनों दफ्तरों में गंदगी की भरमार मिली। डीएम ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की।
जिलाधिकारी अनुराग पटेल शुक्रवार को सुबह साढ़े दस बजे मुख्य चिकित्साधिकारी व जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय पहुंच गए। औचक निरीक्षण में यहां की पोल खुल गई। सीएमओ डा. अनिल कुमार श्रीवास्तव, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मनोज कुमार कौशिक व डा. शाकिब अनवर, डिप्टी सीएमओ डा. एनके सिन्हा व डा.पीएन यादव, प्रशासनिक अधिकारी डा.आरके मौर्य, एआरओ आज्ञाराम, वरिष्ठ सहायक महेंद्र कुमार द्विवेदी, लेखाकार विष्णु सिंह लखेरा, वाहन चालक राजेंद्र प्रसाद गुप्ता व आफताब खां बिना कोई सूचना गायब मिले। कुछ देर बात सीएमओ आ गए। यहां संविदा पर तैनात डा. रामवीर सिंह, डा. धीरेंद्र वर्मा, सोशल वर्कर कुलसुम हाशमी,अरविंद गुप्ता, आशीष कुमार भी अनुपस्थित मिले। उधर, जिला मलेरिया अधिकारी के यहां वरिष्ठ सहायक मोहित श्रीवास्तव व एमपीडब्ल्यू बल्दू अनुपस्थित रहे। डीएम ने इन सभी का एक दिन का वेतन रोक दिया और स्पष्टीकरण मांगा। निरीक्षण में पता चला कि उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर करने के बाद डा. प्रसून खरे, जीशान व हार्षित कुमार, कम्प्यूटर आपरेटर गायब हैं। इनका भी वेतन रोका।
प्राइवेट कर्मी डाटा इंट्री का कार्य करते मिला
डीएम ने मेडिकल बोर्ड कक्ष का निरीक्षण किया। कक्ष में वरिष्ठ सहायक अशोक कुमार वर्मा व दीपक नामदेव मिले। पता चला दीपक नामदेव नाम के प्राइवेट व्यक्ति से अनाधिकृत रूप से डाटा इंट्री का कार्य कराया जा रहा है। डीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी बाहरी व्यक्ति से कार्यालय में किसी भी प्रकार का शासकीय कार्य न लिया जाए। उन्होंने सीएमओ से लिखित जवाब मांगा।
खराब मिला अभिलेखों का रखरखाव
डीएम ने लेखाकार कक्ष, जेई रूम, आइसीसीसी, डीएलओ कक्ष, प्रतिरक्षण अनुभाग, डिस्ट्रिक्ट एंशोरेंस सेल, उप मुख्य चिकित्साधिकारी कक्ष, सांख्यिकी अनुभाग, मीटिंग हॉल आदि का निरीक्षण किया। अभिलेखों का रख-रखाव बेहद खराब मिला। शौचालय भी गंदे मिले। जगह-जगह कुडे के ढेर एवं जंगली पेड़ पौधे उगे मिले। सीएमओ कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके।
कूड़े में डंप मिलीं नई कुर्सियां व फागिंग मशीन
जिला मलेरिया कार्यालय के निरीक्षण में यहां बहुत गंदगी मिली। कई बंद बोरे खुलवाए तो उनमें डस्टबिन, प्लास्टिक बाल्टी एवं टब आदि मिलीं। मलेरिया इंसपेक्टर ने बताया कि 21 मार्च को सीएमएसडी स्टोर से यह सामग्री मिली है। स्वास्थ्य केंद्रों पर भेजा जाना है। इस पर डीएम ने कड़ी नाराजगी जताई। भंडार कक्ष को देखा तो कबाड़ रखा हुआ था। इसमें 10 नई कुर्सियां, एक नई फागिंग मशीन, दो प्लास्टिक कुर्सी, दो सौ तौलिया, 25 नपसेट पंप, 11 नपसेट पंप, दो ड्रम, चार अलमारी, 120 लीटर हाइपोक्लोराइड आदि कबाड़ के रूप में पड़ा मिला। डीएम ने स्टाक रजिस्ट्र चेक किया तो 97 तौलियों का लेखा-जोखा नहीं मिला। 85 लीटर हाइपोक्लोराइड, 131 लीटर टेंफोज,38 लीटर मिट्टी का तेल एवं 97 तौलियों का गबन मिल। स्टाक व वितरण रजिस्टर अधूरे मिले। डीएम ने मलेरिया निरीक्षक राजकुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।