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सामने आई स्वास्थ्य प्रशासन की लापरवाही, नहीं कराई स्वजनों की जांच

जनपद में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग कितना सजग है इसका अंदाजा कोरोना पॉजिटिव आए मृतक युवक से लगाया जा सकता है। कार से मुंबई से आए युवक के साथ उसके परिवार के छह अन्य सदस्य भी शामिल थे। लेकिन इनकी यहां कोरोना जांच के लिए सैंपुलिग नहीं की गई। मेडिकल कॉलेज में युवक के अंतिम संस्कार के बाद स्वजनों को घर जाने दिया गया। वाराणसी के खुटहा दानगंज निवा

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 06:42 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 06:09 AM (IST)
सामने आई स्वास्थ्य प्रशासन की लापरवाही, नहीं कराई स्वजनों की जांच
सामने आई स्वास्थ्य प्रशासन की लापरवाही, नहीं कराई स्वजनों की जांच

जागरण संवाददाता, बांदा : कोरोना संकट को लेकर जहां पूरे देश में सजगता बरती जा रही है वहीं इस गंभीर बीमारी को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह लापरवाह बना हुए है। ऐसा ही एक मामला पिछले दिनों देखने को मिला जब मुंबई से वाराणसी जा रहे परिवार के एक सदस्य की हालत बिगड़ गई। स्वजन उसे जिला अस्पताल लेकर आए जहां चिकित्सकों ने मृत बता दिया। प्रशासन की अनदेखी यहीं से शुरू हुई शव का पोस्टमार्टम करने के साथ कोरोना का सैंपल तो लिया लेकिन साथ में मौजूद लोगों की जांच नहीं की। पोस्टमार्टम के बाद शव का यहीं पर अंतिम संस्कार कराने के बाद स्वजनों को वाराणसी जाने दिया।

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ये था मामला

वाराणसी के खुटहा दानगंज निवासी 28 वर्षीय युवक मुंबई के बोरीवली में अपने पूरे परिवार के साथ रहता था। वहां वह एसी का मैकेनिक था। लॉक डाउन में कामकाज ठप हो जाने के बाद परिवार के सामने जीवन यापन का संकट उत्पन्न हो गया। युवक स्वजनों के साथ 28 मई को निजी कार से यहां बांदा पहुंचा तो उसकी हालत बिगड़ गई। उसके साथ कार में पिता लाल बहादुर, पत्नी अनीता, बहन पूजा, राहुल, भाई करन, बेटी शीतल भी थे। युवक को जिला अस्पताल लाया गया था।

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जब पॉजिटिव आई रिपोर्ट तो हरकत में आया प्रशासन

मुंबई से वाराणसी जा रहे परिवार के लोगों में एक के मौत पर लिए गए सैंपल की रिपोर्ट 30 मई को आई। जिसमें मृतक कोरोना पॉजिटिव निकला। रिपोर्ट आने पर प्रशासन की नींद उड़ गई। तत्काल इसकी जानकारी वाराणसी जनपद के प्रशासन को दी।

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ये हुई लापरवाही

नियम के अनुसार प्रशासन को मृतक के साथ ही उनके स्वजनों के भी सैंपल यहीं लेने चाहिए थे। इतना ही नहीं रिपोर्ट आने तक उन्हें यहीं रोका जाना चाहिए। इससे कोरोना बढ़ने की संभावना न के बराबर हो जाती। जानकारों का मानना है कि मृतक के संपर्क में स्वजन भी थे। ऐसे में अगर उनमें से किसी को कोरोना होगा तो वह अब तक न जाने कितने लोगों से मिल चुका होगा और कितनों को कोरोना की सौगात दे चुका होगा।

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वाराणसी के युवक की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। उनके साथ में मौजूद स्वजनों की जांच नहीं कराई गई थी। रिपोर्ट की एक कॉपी वाराणसी के डीएम को भी भेज दी है। वहां स्वजनों की जांच कराई जाएगी।

-संतोष कुमार, सीएमओ, बांदा


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