संसद के मानसून सत्र में बुंदेलखंड राज्य की मांग उठाएं सांसद
जागरण संवाददाता बांदा चित्रकूट में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की राष्ट्रीय बैठक में बुंदेलखं
जागरण संवाददाता, बांदा : चित्रकूट में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की राष्ट्रीय बैठक में बुंदेलखंड राज्य के मुद्दे पर मंथन होने से उत्साहित बुंदेलखंड राष्ट्र समिति ने क्षेत्र के सभी सांसदों से अपील की है। 19 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में एक साथ बुंदेलखंड राज्य की मांग उठाने को पत्र लिखा है कहा कि वह प्रधानमंत्री से भी मिलें। अगर सांसदों ने अब भी अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी तो वे एक सुनहरा अवसर गंवा देंगे।
पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के राष्ट्रीय संयोजक तारा पाटकर महोबा में 635 दिन अनशन व रिकार्ड 18 बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने खून से खत लिख चुके हैं। उन्होंने कहा कि चित्रकूट में पांच दिन तक चली आरएसएस की राष्ट्रीय बैठक में जिन मुद्दों पर प्रमुखता से चर्चा हुई, उसमें बुंदेलखंड राज्य मुद्दा भी एक रहा। संघ के शीर्ष नेतृत्व ने भी माना कि बुंदेलखंड को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए उसका उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश के बंधन से मुक्त होना जरूरी है। समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण पांडेय ने कहा कि जगद्गुरु स्वामी राम भद्राचार्य ने जिस तरह मुखर होकर संघ प्रमुख मोहन भागवत के समक्ष यह मुद्दा उठाया, वह प्रसंशनीय है। उन्होंने बताया कि अब बुंदेलखंड के सांसदों की बारी है कि वे संसद के मानसून सत्र में एक साथ अलग राज्य का मुद्दा उठाकर मातृभूमि के प्रति अपने दायित्व को निभाएं। उनको एक प्रतिनिधि मंडल बनाकर भी प्रधानमंत्री से मिलना चाहिए। बुंदेलखंड की हकीकत बताना चाहिए। दो साल पहले बुंदेलखंड के सभी 19 विधायक उत्तर प्रदेश विधानसभा में एक साथ अलग राज्य का मुद्दा उठा चुके हैं। उसी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुंदेलखंड विकास बोर्ड का गठन किया था। अब सांसदों को आगे आना चाहिए।