कोरोना से बचाव को जेल में बंदी तैयार कर रहे मॉस्क
कोरोना वायरस से बचाव के प्रयास में जेल के बंदी भी पीछे नहीं हैं। मॉस्क व सैनिटाइजर जहां बाजार में जल्दी खोजने से नहीं उपलब्ध हो रहे। वहीं जेल के अंदर दो महिला समेत पांच बंदी खुद मॉस्क तैयार कर रहे हैं। उनके बनाए गए मॉस्कों को बैरक में निरुद्ध बंदी इस्तेमाल कर रहे हैं। मॉस्क तैयार करने में जेल प्रशासन बं
जागरण संवाददाता, बांदा : कोरोना वायरस से बचाव के प्रयास में जेल के बंदी भी पीछे नहीं हैं। मॉस्क व सैनिटाइजर जहां बाजार में जल्दी खोजने से नहीं उपलब्ध हो रहे। वहीं जेल के अंदर दो महिला समेत पांच बंदी खुद मॉस्क तैयार कर रहे हैं। उनके बनाए गए मॉस्क को बैरक में निरुद्ध बंदी इस्तेमाल कर रहे हैं। मॉस्क तैयार करने में जेल प्रशासन बंदियों की पूरी मदद कर रहा है।
कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा हर जगह मंडरा रहा है। जेल प्रशासन ने इस खतरे बचने के लिए जहां बैरक, पाकशाला व पूरे परिसर को अब तक दो बार सैनिटाइज कराया है। वहीं गेट में संतरी से लेकर हर प्रमुख निगरानी की जगह पर सैनिटाइजर उपलब्ध कराए गए हैं। जेल में इस समय करीब 769 बंदी निरुद्ध हैं। जिसमें 30 महिला बंदी शामिल हैं। जेल के अधिकारियों ने करीब ढाई सौ मॉस्क बंदियों को बाहर से खरीदकर इस्तेमाल के लिए दिए हैं। इसके अलावा 250 सैनिटाइजर का आर्डर अलग से और दिया गया है। मॉस्क बाजार में उपलब्ध न हो पाने से बंदी मिश्रीलाल, मुमताज, मुबारक, ममता व संध्या सिंह जेल के अंदर ही तैयार कर रहे हैं। उनके बनाए गए करीब 150 से ज्यादा मॉस्कों को बैरिक में निरुद्ध बंदी इस्तेमाल कर रहे हैं। जेल प्रशासन अपनी ओर से इन बंदियों को कपड़ा व धागा आदि उपलब्ध करा रहा है। बंदियों के खुद मॉस्क तैयार करने में लागत भी करीब से चार से पांच रुपये पड़ रही है।
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- सिलाई व कढ़ाई में माहिर बंदियों को मॉस्क तैयार करने के लिए प्रेरित किया गया है। जिसमें बंदी अपनी इच्छा अनुसार मॉस्क तैयार कर रहे हैं। जिसका लाभ अन्य बंदियों को भी मिल रहा है।
- आरके सिंह वरिष्ठ जेल अधीक्षक