डीएम के बंगले में तैयार होगा माडल कृषि फार्म हाउस
जागरण संवाददाता, बांदा : जिलाधिकारी के कैंप कार्यालय में बेकार पड़ी करीब तीस बीघे में मा
जागरण संवाददाता, बांदा : जिलाधिकारी के कैंप कार्यालय में बेकार पड़ी करीब तीस बीघे में माडल कृषि फार्म बनकर तैयार होगा। इसके लिए रूपरेखा भी तैयार कर ली गई है। डीएम ने कमेटी गठित करते हुए अलग-अलग 14 विभागों के अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। बंगले में मौजूद जमीन को समेकित विकास का एक ऐसा माडल बनाया जाएगा जो जिले के किसानों के लिए प्रेरणा बनेगा।
जिलाधिकारी आवास में करीब 5.8 हेक्टेयर जमीन है। इसमें देशी बबूल, लिपिट्स, केसिया, लसौड़ा, चिलबिल, इमलतास, गोल्डमोहर आदि के सैकड़ों पेड़ खड़े हैं। इनकी कोई उपयोगिता नहीं है। ये बंगले की शोभा भी बिगाड़ रहे हैं। जमीन की उपयोगिता शून्य है। लेकिन अब इसे उपयोगी ही नहीं बनाया जाएगा, बल्कि यहां एक ऐसा माडल कृषि फार्म तैयार होगा, जो बुंदेलखंड के किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगा। डीएम हीरालाल ने इसके लिए 14 सदस्यीय टीम का गठन किया है। तहसीलदार भूमि की पैमाइश कराएंगे। लखनऊ की टीम भूमि का सर्वे करेगी। वन विभाग जंगली पौधों को हटवाकर नीलाम कराएगा। उप कृषि निदेशक जीरो बजट कर उन्नतिशील खेती कराएंगे। पशुपालन विभाग उन्नति नस्ल के 20 गायों का पालन करेगा। इससे जैविक खाद तैयार होगी। कुक्कुट पालन, मधु मक्खी पालन, सब्जी की खेती, फूल की खेती, फलदार पौध और औषधीय पौधे उद्यान विभाग लगवाएगा। लघु ¨सचाई विभाग ¨सचाई की सुविधा मुहैया कराएगा। इतना ही नहीं बंगले में मत्स्य पालन से भी आय होगी।
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15 हजार मानदेय पर तैनात होंगे मैनेजर
माडल कृषि फार्म में एक फार्म मैनेजर की तैनाती होगी। उसका मानदेय 15 हजार रुपये होगा। दो सहायक मैनेजर होंगे उन्हें 10-10 हजार रुपये मानदेय मिलेगा। इनका मानदेय खेती व बागवानी आदि से होने वाले लाभ से दिया जाएगा। इसके अलावा सीजन के मुताबिक कर्मचारी बढ़ाए जा सकते हैं।
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कमेटी में ये हैं शामिल
सीडीओ नोडल, सीवीओ, दुग्ध विकास अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, उप कृषि निदेशक, लघु ¨सचाई सहायक अभियंता, डीएफओ, नेडा के परियोजना अधिकारी, केन कैनाल अधिशासी अभियंता, डीएसटीओ, विशेष कार्याधिकारी, डीएम,अनुभवी एक्सपर्ट, अनुभवी दो किसान, सहायक निदेशक मत्सय शामिल हैं।
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-इस नई योजना से बंगले में बेकार पड़ी जमीन की उपयोगिता बढ़ेगी। साथ ही किसानों के लिए यह बेहद लाभदायक होगा। यहां से किसान प्रेरित होकर अपने यहां भी इसी तरह खेती करेंगे।-हीरालाल, डीएम, बांदा