मनरेगा नहीं दे पा रही श्रमिकों को रोजगार की गारंटी
मनरेगा योजना श्रमिकों के रोजगार की गारंटी नहीं दे पा रही है। लॉकडाउन के बाद लौटे कामगारों को मिलाकर जिले में करीब डेढ़ लाख श्रमिक हैं। इनमें से 1.47 लाख मजदूरों ने मनरेगा के तहत प्रधानों व सचिवों से काम मांगा। लेकिन लाख कोशिशों के बाद जिले में सिर्फ 56329 मजदूरों को ही मनरेगा में रोजगार मिल सका। यह 40 फीसद से भी कम है। शासन ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई है। लापरवाह बीडीओ पर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है।
पिथौरागढ़, जेएनएन : सीमांत जिले पिथौरागढ़ में पिछले आठ वर्षो से अधूरी पड़ी जिला जेल को पूरा करने के लिए 22 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी है। स्वीकृत धनराशि में से 9.3 करोड़ की धनराशि निर्माण एजेंसी को प्राप्त हो गई है। निर्माण एजेंसी ने 2022 तक जेल निर्माण का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
सीमांत जिले पिथौरागढ़ में वर्ष 2006 में जिला जेल की स्वीकृति मिली थी। वर्ष 2007 में तत्कालीन अनुमानित लागत के आधार पर चार करोड़ की धनराशि जारी कर दी गई। यह धनराशि एकमुश्त न देकर टुकड़ों में दी गई। जिसके चलते वर्ष 2012 तक जिला जेल की चाहरदीवारी और एक प्रशासनिक भवन का ही निर्माण पूरा हो सका। इसके बाद जेल निर्माण के लिए कोई धनराशि सरकार ने जारी नहीं की। जिले में कैदियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जेल की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। शासन ने इस समस्या को देखते हुए अब अधूरी पड़ी जेल के निर्माण को पूरा कराने के लिए 22 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी है। इस धनराशि से अगले दो वर्षों में जिला जेल का निर्माण पूरा हो जाएगा। ========= जिला जेल में बनेगा अस्पताल और 80 बैरक
पिथौरागढ़: जिला जेल में 60 पुरुष और 20 महिला कैदियों को रखे जाने की व्यवस्था होगी। कुल 80 बैरक बनाये जायेंगे। जिनमें 10 खतरनाक अपराधियों के लिए होंगे। इसके अलावा जेल परिसर में कैदियों के लिए एक अस्पताल खोला जाएगा। कर्मचारियों के लिए आवासीय भवन भी बनाए जाएंगे। वर्तमान में बनी चाहरदीवारी की ऊंचाई और बढ़ाई जाएगी। विभाग काम जल्द पूरा कराने के लिए अब टुकड़ों में टेंडर न लगाकर एक साथ 22 करोड़ का पूरा टेंडर एक साथ लगाएगा। ========= पुलिस को भी मिलेगी राहत पिथौरागढ़: सीमांत जिले में अब तक सजायाफ्ता कैदियों को रखने के कोई इंतजाम नहीं है। सजा सुनाए जाने के बाद कैदियों को अल्मोड़ा जेल भेजा जाता है। इससे अल्मोड़ा जेल पर तो दबाव बढ़ता ही है। कैदियों को लाने ले जाने में पुलिस को अच्छी खासी धनराशि खर्च करनी पड़ती है। जेल बन जाने के बाद जिले के कैदियों को जिले में ही रखा जाएगा। ========= शासन ने जेल निर्माण का कार्य पूरा कराने के लिए 22 करोड़ की स्वीकृति दी है। इसमें से 9.3 करोड़ की धनराशि पेयजल निर्माण निगम को प्राप्त हो गई है। जल्द ही निविदाएं आमंत्रित की जायेंगी। वर्ष 2022 तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
- प्रकाश चंद्र जोशी, अपर सहायक अभियंता, पेयजल निर्माण निगम, पिथौरागढ़