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कागज पर पका मिड-डे-मील, टिफिन में खाना

से का फल दूध व खाना हजम कर रहे जिम्मेदार गिरवां के इंटर कालेज में टिफिन लेकर आते हैं छात्र-छात्राएं संवाद सूत्र बड़ोखर बुजुर्ग शासन कक्षा छह से आठवीं तक के बच्चों के लिए ड्रेस जूता-मोजा पाठ्य पुस्तकों के साथ उनके सेहत में सुधार के लिए मिडडे मील योजना संचालित कर रही है। साथ ही फल व दूध का भी पैसा दे रही है। लेकिन यह सारा पैसा जिम्मेदार हजम कर रहे हैं। गिरवां के जेएन इंटर कॉलेज में इसकी बानगी भी देखने को

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 06:02 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 06:22 AM (IST)
कागज पर पका मिड-डे-मील, टिफिन में खाना
कागज पर पका मिड-डे-मील, टिफिन में खाना

संवाद सूत्र, बड़ोखर बुजुर्ग : कक्षा छह से आठ तक के बच्चों के लिए शासन की ओर से दोपहर में भोजन के साथ ही ड्रेस, जूता-मोजा, पाठ्य पुस्तकों के लिए कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। मगर इन योजनाओं की धरातल पर कितना असर दिखाई दे रहा है इसकी हकीकत बुधवार को गिरवां के जेएन इंटर कॉलेज में देखने को मिली। जहां कागजों पर मिड-डे-मील पका तो बच्चे भूख मिटाने के लिए घर से टिफिन लेकर आए ।

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गिरवां स्थित जेन एन इंटर कॉलेज में में कक्षा छह से आठ तक के करीब 204 छात्र-छात्राओं का पंजीकरण है। इनके लिए प्रतिदिन मिड-डे-मील की भी व्यवस्था है। बुधवार को भी नियमों के अनुसार के अनुसार सभी छात्र-छात्राओं के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी। मगर विद्यालय में भोजन पकता कहीं नहीं दिखाई दिया। ये भोजन सिर्फ कागजों पर ही दर्ज दिखाई दिया। बच्चों ने बताया कि स्कूल से भोजन नहीं मिलता। वह खुद टिफिन में खाना घर से लाते हैं और इंटरवल होने पर भोजन करते हैं।

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50 फीसद से भी कम दिखी उपस्थिति

विद्यालय में निरीक्षण के दौरान बच्चों की उपस्थिति बेहद कम दिखी। बमुश्किल 50 फीसद बच्चे ही स्कूल आए थे। इसमें से भी अधिकांश खेलते नजर आए। तो शिक्षक मोबाइल में व्यस्त दिखे।

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बोले प्रधानाचार्य :

कॉलेज में मिड-डे-मील नियमित बनाया जाता है। छात्र-छात्राओं को भर पेट खाना भी खिलाया जा रहा है। कुछ बच्चे जो स्कूल नहीं आते हैं उनको स्कूल आने के लिए जोर दिया जाता है।

श्री गणेश द्विवेदी, प्रधानाचार्य। -मध्याह्न भोजन योजना सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना है। इसमें किसी तरह की लापरवाही अक्षम्य होगी। यदि इसमें खिलवाड़ किया जा रहा है तो मैं स्वयं इसकी जांच कराऊंगा। दोषी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। -विनोद सिंह, डीआइओएस

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निगरानी समिति भी बेखबर :

शासन के निर्देश पर जिला व ब्लाक स्तर पर निगरानी समिति बनी है। पांच से दस विद्यालयों का निरीक्षण कर शासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है। इसमें भी औपचारिकता हो रही है। टीमें विद्यालय न जाकर दफ्तर में बैठे रिपोर्ट तैयार कर ले रही हैं। तभी तो गिरवां के जेएन इंटर कॉलेज में किसी की निगाह नहीं जाती। कॉलेज की स्थिति पर एक नजर :

कुल विद्यार्थी : 204

कक्षा 6 : 60

कक्षा 7 : 45

कक्षा 8 : 65

कुल उपस्थित : 170

पंजीकृत : 204


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