सीसीटीवी फुटेज में दो बदमाशों का चित्र कैद
जागरण संवाददाता, बांदा : अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो कोई न कोई सबूत जरूर छोड़ जाता
जागरण संवाददाता, बांदा : अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो कोई न कोई सबूत जरूर छोड़ जाता है। यह बात असलहे की दुकान में पड़ी डकैती के बाद सच साबित दिखी। घटना को अंजाम देने वाले बदमाशों ने शातिराना अंदाज में डाका डाला। इसके बावजूद उनके चित्र पड़ोसी दुकान में लगे सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गए। 11 मिनट के फुटेज को आधार मानकर पुलिस सुरागरसी कर रही है।
पीली कोठी स्टेशन रोड स्थित असलहे की दुकान में डकैती डालने पहुंचे बदमाशों का ध्यान शुरू में बगल की शराब दुकान में लगे कैमरों की ओर नहीं गया था। यही वजह है कि कैमरे में घटना के समय के करीब 11 मिनट के विजुवल आ गए। फुटेज के हिसाब से जो घटनाक्रम दिखाई पड़ा उसमें तकरीबन 12 बजकर चार मिनट से डकैती का खेल शुरू हुआ। पहला चित्र मर्दननाका पानी की टंकी के पास से बदमाशों द्वारा लाई गई प्राइवेट बस का उभरा। इस दौरान बस बैक होकर दुकान के सामने लगाई जा रही थी। उसके गेट में एक नाबालिग करीब 17 वर्षीय लड़के का भी चित्र सामने आया। बस से नीचे उतरा किशोर हरी चेकदार शर्ट व जींस पहने था। इसके बाद उसका दूसरा लंबे कद का साथी कैमरे की नजर में कैद हुआ। वह लाल सफेद छींटदार शर्ट के साथ मंकी कैप से अपना चेहरा ढके था। दोनो ने आपस में बात की। इसके बाद 12 बजकर 8 मिनट पर सेलेटी रंग की बोलेरो सामने आई। बोलेरो का नंबर भी फुटेज में दिखाई पड़ा। अपराधियों ने बस के नंबर को छिपाने के लिए धूल भी डाली थी। बस से उतरा कम उम्र का अपराधी बिना स्वेटर जैकेट के था। बस से उतरने के बाद उसने बाकायदा कंधों को उचका कर एक्शन भी जाहिर किया। ²श्य में दो बार दुकान के चौकीदार रतिराम के जाने व मौके पर पहुंचना भी दिखाई पड़ा। गौर करने की बात यह है कि जो भी ²श्य शातिर अपराधियों के दिखाई पड़े। उनमें वह पैरों में चप्पल जूते आदि नहीं पहने थे। इसी बीच अपराधियों का ध्यान दुकान में लगे एक कैमरे की ओर जाता है। एक आरोपी विद्युत पोल में चढ़ता दिखा। जिसने कैमरे को दूसरी दिशा में मोड़ दिया। पुलिस अपनी सुरागरसी के साथ सीसीटीवी फुटेज को भी आधार मानकर पड़ताल करने में जुटी है। हालांकि इस संबंध में सीओ सिटी का कहना है कि बोलेरो में दिखा नंबर सही नहीं है। वाहन को नंबर बदलकर घटना में इस्तेमाल किया गया है।
दुकान के पास पड़ा मिला एक दस्ताना
बांदा : असलहे की दुकान के बाहर घटना के बाद किनारे में एक सफेद दस्ताना भी पड़ा मिला। जिसे देखकर लोगों का कहना था कि शातिर अपराधियों ने घटना के समय दस्तानों का भी इस्तेमाल किया। जिससे उनके हाथों के निशान घटनास्थल से पकड़ में न आएं।
नए औजारों का किया गया इस्तेमाल
बांदा : शातिर बदमाशों ने घटना को अंजाम देने के लिए नए औजारों का भी इस्तेमाल किया। जल्दबाजी में डकैती डालने के बाद जाते समय बदमाश अपना एक कंपनी का गैस सिलेंडर व कटर मशीन को बस के अंदर छोड़ गए। जो कि पूरी तरह चमकते हुए नए जैसे दिखाई पड़े। मसलन उन्हें उसी घटना के लिए लाया जाना लग रहा है।