योजना बनाकर दिया दुस्साहसिक घटना को अंजाम
जागरण संवाददाता, बांदा : असलहे की दुकान में पड़ी डकैती साधारण नहीं है। योजना बनाकर अंजा
जागरण संवाददाता, बांदा : असलहे की दुकान में पड़ी डकैती साधारण नहीं है। योजना बनाकर अंजाम दिया गया वहीं इसमें किसी राजदार की ओर से रेकी किए जाने की भी आशंका है। अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस इस ¨बदु पर भी पड़ताल कर रही है।
गुरुवार को घटनास्थल पर मौजूद लोगों की भीड़ में तरह-तरह की चर्चाएं होती रहीं। जितने मुंह उतनी बातें सुनने को मिलती रहीं। किसी का कहना रहा कि किसी राजदार के शामिल होने से घटना हुई तो किसी ने यह कहा कि अपराधी बहुत शातिर हैं। घटना करने के पहले उन्होंने पूरी रणनीति तैयार की थी। जाहिर है कि अपराधी पहले भी दुकान के आसपास चक्कर लगा चुके होंगे। खैर असलियत जो भी है वह तो फिलहाल अपराधियों के पकड़े जाने व पुलिस की जांच के बाद ही सामने सकेगा। घटना करने का तरीका देखकर साफ जाहिर है कि बदमाशों को इसकी पूरी जानकारी थी कि कैसे अंदर प्रवेश करना है। इसके बाद चौकीदार को कैसे काबू करना है। इतना ही नहीं घटना के समय दुकान में रखे असलहों की भी उन्हें जानकारी थी। पहले से पूरा प्लान तैयार होने की वजह से वह डकैती डालने में सफल होने के साथ भागने में आसानी से कामयाब रहे हैं।
ठेके में नहीं पहुंचे पियक्कड़
बांदा : घटनास्थल पर भारी भीड़ व पुलिस की मौजूदगी से पियक्कड़ डरे सहमे रहे। घटनास्थल के बगल की देशी शराब की दुकान में दोपहर तक ग्राहक नहीं पहुंचे। सेल्समैनों का कहना रहा कि सुबह से कोई ग्राहक नहीं आया है। जिसके चलते उनका अच्छा खासा नुकसान हुआ है। दुकान में बैठे कर्मचारी स्थिति समान्य होने का इंतजार करते रहे।
पुलिस ने कब्जे में लिए दुकान के दस्तावेज
बांदा : घटनास्थल की जांच के समय जहां पुलिस फूंक-फूंक कर कदम रखती रही वहीं अधिकारियों के निर्देश पर दुकान में रखे असलहों के जमा होने व नए असलहों की उपलब्धता संबंधी जो भी दस्तावेज थे। उन्हें पोटली बनवाकर कोतवाली ले गई ताकि उसमें किसी तरह का हेरफेर न हो सके। साथ ही असलहों के जाने की सही गणना सामने आ सके। हालांकि दुकान मालिक की पत्नी तेजेंदर व दुकान के मैनेजर रईश खान आदि ने बताया कि उनका इकलौता बेटा रणवीर ¨सह उर्फ मन्नी घटना के समय लखनऊ में था। वह अपनी खुद की कानपुर मेस्टन रोड में ईशान अरमरी के नाम से दुकान करता है। घटना की जानकारी होने पर वह भी लखनऊ से सीधा बांदा आया। मैनेजर ने मौजूद स्टाक के बारे में फौरी तौर पर बताया कि चुनाव के समय तकरीबन 2 सौ राइफल, बंदूक व रिवाल्वर आदि जमा किए गए थे। वह सब अभी दुकान मे रखे थे। इसमें तकरीबन 55 दोनाली, 14 एक नाली, 9 राइफल व कुछ रिवाल्वर के साथ 6 हजार कारतूस थे। इसमें साढ़े आठ सौ कारतूस हवाई वाले शामिल हैं।
खुलासे के लिए लगाया गया कई जनपद का फोर्स
बांदा : डकैती का मामला चुनौती पूर्ण होने से डीआइजी के निर्देश पर महोबा एसपी के अलावा वहां की सर्विलांस टीम व चित्रकूट जनपद की पुलिस भी खुलासे के लिए लगाई गई। कुल मिलाकर मंडल की पुलिस अपराधियों की सुरागरसी कर रही है। चारो जनपदों में अपराधियों को पकड़ने के लिए नाकेबंदी भी है। जिससे अपराधी पुलिस के हाथ से बच न सके।
शस्त्र धारक रहे परेशान, पहुंचे दुकान
बांदा : दुकान में डकैती पड़ने का मामला जैसे ही चर्चाओं में आया। कई शस्त्र धारक जिनके असलहे उस दुकान में जमा किए गए थे। मौके पर पहुंच गए। कई लोगों ने मैनेजर से इस बारे में जानकारी भी की कि उनका शस्त्र बदमाश ले गए हैं या फिर वह बच गया है। उनका यह भी कहना रहा कि अगर उनका असलहा बदमाश साथ ले गए हैं तो उसकी अब भरपाई कौन करेगा।
दुकान में काम करते हैं आधा दर्जन कर्मचारी
बांदा : असलहे की दुकान में डकैती पड़ने के बाद बताया गया है कि दुकान मालिक के अलावा वहां एक मैनेजर रईश खान, दूसरा असिस्टेंट मैनेजर के रूप में लवलेश है। साथ ही तीन असलहा ठीक करने के मिस्त्री व एक सफाई कर्मी भी है। चौकीदार रतिराम का कहना है कि वह मूलरूप से रेडक्रास सोसाइटी में काम करता है। वहां की चौकीदारी के अलावा असलहे की दुकान से उसे चार सौ रुपए व तकरीबन दर्जन भर दुकानों से सौ-सौ रुपए मेहनताना मिलता है। इधर तकरीबन डेढ़ दो वर्ष से ही वह दुकानों की भी चौकीदारी करने लगा था।
दुकान मालिक की बिगड़ी तबियत
बांदा : दुकान मालिक हरमेंदर ¨सह हार्ट का मरीज होना बताया गया। घटना की जानकारी होने पर उनकी तबियत बिगड़ गई। परिजनों का कहना रहा कि उन्हें दवा खिलाकर घर में रोका गया है। उनकी पत्नी तेजेंदर पूरे समय अधिकारियों समेत अन्य लोगों के सवालों का जवाब देती रहीं।