मध्य प्रदेश के सीमावर्ती दो जिलों में पहुंचा टिड्डी दल
सरहद से जुड़े मध्य प्रदेश के छतरपुर व पन्ना जनपद में टिड्डी दलों ने दस्तक दे दी है। यह दल जिले में भी जल्द आ सकता है। यह महामारी का रूप न ले इसके लिए प्रशासन ने जिले में अलर्ट किया है। सीडीओ की अध्यक्षता में बचाव दल गठित किया है। टिड्डी दल के हमले से निपटने को फायर बिग्रेड के वाहनों व नगर पंचायत के टैंकरों को भी तैयार किया गया है। किसानों से प्रकोप की दशा में तुरंत सूचित करने को कहा गया है।
जागरण संवाददाता, बांदा : सरहद से जुड़े मध्य प्रदेश के छतरपुर व पन्ना जनपद में टिड्डी दलों ने दस्तक दे दी है। यह दल जिले में भी जल्द आ सकता है। यह महामारी का रूप न ले, इसके लिए प्रशासन ने जिले में अलर्ट किया है। सीडीओ की अध्यक्षता में बचाव दल गठित किया है। टिड्डी दल के हमले से निपटने को फायर बिग्रेड के वाहनों व नगर पंचायत के टैंकरों को भी तैयार किया गया है। किसानों से प्रकोप की दशा में तुरंत सूचित करने को कहा गया है।
पाकिस्तान से चलकर राजस्थान के रास्ते मध्य प्रदेश के छतरपुर व पन्ना जनपदों में टिड्डी दल पहुंच चुका है। यह फसलों व बागों के लिए बेहद घातक है। एक बार टिड्डी दलों का आक्रमण हुआ तो तीन वर्ष तक प्रकोप रहता है। यह झुंड में करोड़ों की संख्या में होते हैं। एक साथ कई बीघे की फसल मिनटों में चट करने में इन्हें महारत है। इस समय जिले में सब्जी के साथ जायद की फसलें तैयार हैं। बागों में नींबू व आम के फल तैयार हैं। यदि ऐसे में हमला हुआ तो किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। जिले में छतरपुर और पन्ना की सीमा लगी हुई है। दोनों जनपदों में टिड्डी दलों का हमला हो चुका है। ऐसे में बांदा आने में ज्यादा समय नहीं लग सकता। प्रशासन इसको लेकर अलर्ट हो गया है। सीडीओ हरिश्चंद्र वर्मा की अगुवाई में बचाव गठित किया गया है। इसके अलावा टिड्डियों पर छिड़काव के लिए कीटनाशक दवाइयां उपलब्ध कराई गई हैं। फायर ब्रिगेड की गाड़ियों, नगर पालिका व नगर पंचायतों के टैंकरों को भी तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
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यह है आपदा राहत दल :
सीडीओ हरिश्चंद्र वर्मा : अध्यक्ष
उप कृषि निदेशक एके सिंह : सदस्य
जिला कृषि अधिकारी डा.प्रमोद : सदस्य
जिला कृषि रक्षा अधिकारी : डा.विकास शुक्ला : सदस्य सचिव
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-सभी किसान टिड्डी दल पहुंचने की स्थिति में लेखपाल व सचिव को तुरंत सूचित करें। दल को खेत में बैठने से रोकने के लिए कनस्तर, ढोल, डीजे आदि से तेज आवाज की जाए। कीटनाशक दवाओं का तेज छिड़काव किया जाए।
-अमित सिंह बंसल, डीएम, बांदा