बंदी की मार झेल रहे शराब ठेकेदारों ने कहा-राहत दे सरकार
2020-21 के लिये नवीनीकरण के माध्यम से दुकान आबकारी नीति के अनुसार आवंटित की गई है। जिसे सरकार ने पूर्व वर्ष की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर बनाई गई आबकारी नीति और नियमों के अनुसार स्वीकृत किया था। लेकिन मार्च 2020 से लॉकडाउन प्रभावी कर दिया गया था। जिससे बीते 2 मई तक दुकाने बंद रही। इसके
जागरण संवाददाता, बांदा : लॉकडाउन अवधि की फुटकर अनुज्ञापियों की लाइसेंस फीस और पूर्व में निर्धारित कोटा समाप्त करने के लिये अनुज्ञापियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। ठेकेदारों ने कहा कि जनपद के सभी अनुज्ञापी देशी, विदेशी व बीयर आदि के कारोबार से जुड़े हैं। वर्ष 2020-21 के लिये नवीनीकरण के माध्यम से दुकान आबकारी नीति के अनुसार आवंटित की गई है। जिसे सरकार ने पूर्व वर्ष की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर बनाई गई आबकारी नीति और नियमों के अनुसार स्वीकृत किया था। लेकिन मार्च 2020 से लॉकडाउन प्रभावी कर दिया गया था। जिससे बीते 2 मई तक दुकाने बंद रही। इसके बाद दुकान खोलने के आदेश जारी कर दिये गये। लेकिन वर्तमान में पहले जैसी बिक्री संभव नहीं है। आबकारी नीति के अनुसार देशी मदिरा की दुकानों के अनुज्ञापियों के लिए न्यूनतम प्रत्याभूत मात्रा निर्धारित की गई तथा मासिक न्यूनतम प्रत्याभूत मात्रा के बराबर अपनी अनुज्ञा के अनुसार देसी मदिरा की निकासी उठाने की बाध्यता का प्राविधान है। जिसके पूर्ण न होने पर दंड का प्राविधान है और कमी की धनराशि की पूर्ति प्रतिभूति की धनराशि से करने का प्राविधान है। मासिक एवं वार्षिक न्यूनतम प्रत्याभूत की मात्रा का सिद्धांत पूर्व की स्थिति 2019-20 की स्थिति को देखते हुए किया गया था। कोविड-19 के चलते समस्त कार्यक्रम जैसे शादी, ब्याह, सहालग आदि बंद हो गये। निकट भविष्य में बरसात आने वाली है। बरसात के भी चार माह लॉकडाउन से ज्यादा बिक्री प्रभावित करते हैं। ऐसी स्थिति में अनुज्ञापियों के लिए निर्धारित कोटा उठाना संभव नहीं है। उन्होने मांग की है कि लॉकडाउन की अवधि में सभी प्रकार के आबकारी अनुज्ञापियों की लाइसेंस फीस माफ की जाए। साथ ही सभी प्रकार की देसी व विदेशी मदिरा तथा बीयर के निर्धारित कोटे को तत्काल वापस लेने के आदेश पारित किए जाएं। इस दौरान सुनील सिंह गौतम, सत्येंद्र प्रताप सिंह, रामलखन यादव, रामबहादुर सिंह, श्यामसुंदर, दिनेश सिंह, हरिश्चंद्र, रामसुहावन, अरविद, मानवेंद्र सिंह, बरदानी प्रसाद, आरबी सिंह यादव, रमेश, कल्लू आदि उपस्थित रहे।