मेडिकल कॉलेज बांदा में मिलेंगी जीवनरक्षक दवाएं
मेडिकल कालेज में दवाओं की आपूर्ति के लिए यूपी मेडिसिन सप्लाई कारपोशेन लिमिटेड को यह जिम्मेदारी दी गई है। दवाओं के लिए जारी गाइड लाइन के अनुसार सभी मेडिकल कालेजों में दवाओं की आपूर्ति के लिए एक मेडिसन मैनेजमेंट बनाया जायेगा। जो मेडिकल कालेजों में दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चत करेगा। इसके लिए भी ई-टेंडिरंग प्रक्रिया होगी। ---------- हर मेडिकल कालेज में तैयार होगा साफ्टवेयर दवाओं के स्टाक के
विमल पांडेय, बांदा : राजकीय मेडिकल कॉलेज बांदा में अब गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को जीवनरक्षक दवाएं मिल सकेंगी। 400 प्रकार की दवाओं की बजाय अब यहां 900 प्रकार की दवाएं उपलब्ध होंगी। इसके लिए तीन करोड़ रुपये सालाना मिलने वाला बजट बढ़ाकर छह करोड़ रुपये कर दिया गया है। नए वित्तीय वर्ष में स्वीकृति मिलते ही दवाओं की खरीद होगी। इस बावत प्रदेश के प्रमुख सचिव चिकित्सा रजनीश दुबे ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है।
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने दवा का स्टॉक दोगुना करने पर भी काम शुरू कर दिया है। खास बात ये है कि दवा खरीद के लिए 20 फीसद कोटा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के पास होगा। अचानक दवा खत्म होने पर एलपी (लोकल परचेज) की जा सकेगी। जीवनरक्षक दवाओं में एंटीबायोटिक, दर्द और बेहोशी की दवाएं भी शामिल होंगी। अभी तक यहां सिर्फ सरदर्द, बुखार, पेट दर्द, उल्टी जुकाम आदि साधारण बीमारियों की जेनरिक दवाएं ही उपलब्ध थीं। इसीलिए गंभीर मरीजों को रेफर कर दिया जाता था। बनाया जाएगा मेडिसिन मैनेजमेंट
मेडिकल कॉलेज में दवाओं की आपूर्ति की जिम्मेदारी यूपी मेडिसिन सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड को दी गई है। नई गाइडलाइन के अनुसार सभी मेडिकल कॉलेजों में दवा आपूर्ति के लिए मेडिसिन मैनेजमेंट बनाया जाएगा। हर मेडिकल कालेज में तैयार होगा साफ्टवेयर
दवाओं के स्टॉक के लिए मेडिकल कॉलेज में अलग सॉफ्टवेयर तैयार किया जाएगा, ताकि दवाओं की रुटीन चेकिंग हो सके। दवा का स्टॉक कम होने पर तुरंत उपलब्धता के प्रयास किए जाएंगे। दवा का स्टॉक दोगुना करने से मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों को राहत मिलेगी। इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।
डा. मुकेश यादव
राजकीय मेडिकल कालेज बांदा