रोजगार में सहायक बन सकता है कालिंजर दुर्ग : देवाशीष दास
जागरण संवाददाता बांदा विश्व के कई देशों की अर्थ व्यवस्था पर्यटन के बल पर चल रही है। वहीं
जागरण संवाददाता, बांदा : विश्व के कई देशों की अर्थ व्यवस्था पर्यटन के बल पर चल रही है। वहीं हम अपने पर्यटन स्थलों को सहेज भी नहीं पा रहे हैं। विश्व पर्यटन स्थलों में कालिजर का महत्वपूर्ण स्थान है। इसे विकसित कर जिले की बेरोजगारी दूर की जा सकती है। यह उद्गार भारतीय प्रबंध संस्थान लखनऊ के मार्केटिग प्रोफेसर डा. देवाशीष दास गुप्ता ने गुरुवार को पत्रकारों के सामने व्यक्त किये। वह बांदा दौरे पर आए थे। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जिलाधिकारी हीरालाल द्वारा आयोजित किया गया कालिजर महोत्सव दुर्ग को विकसित करने की शुरुआत है। पर्यटन विकास के लिए स्थानीय लोगों को जागरुक होना पड़ेगा। कालिजर दुर्ग ढह रहा है। इसके संरक्षण के लिए स्थानीय लोगों सक्रिय होना होगा। सरकार किसी पर्यटन स्थल के विकास लिए एक-दो बार ही धन उपलब्ध करा सकती है। लेकिन इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लोगों को खुद भी लेनी चाहिए। किसी भी पर्यटन के विकास के लिए वहां के स्थानीय व्यवसाय को बढ़ावा मिलना चाहिए। बांदा जिले में शजर और बांस का उत्पादन प्रसिद्ध हैं। इस व्यवसाय को बढ़ाने की अच्छी संभावनाएं हैं। उन्होंने शहर के नवाब टैंक को भी एक बेहतरीन स्थल बताते हुए कहा कि तालाब के इर्द-गिर्द लोग कचरा डालकर इसे दूषित कर रहे हैं। तालाब के आस-पास लगी रेलिग को लोग उखाड़ कर ले जा रहे हैं। इसके आस-पास पड़ी जमीन पर लोग झंडे गाड़कर व मूर्तियां बैठाकर अवैध कब्जा कर रहे हैं। इस जमीन का उपयोग पार्क की सुंदरता बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। कहा कि ऐसे पर्यटक स्थलों को जागरुकता व आपसी समन्वय से ही बचाया जा सकता है। इस मौके पर डा. केपीएस गौर, उपजिलाधिकारी संदीप कुमार मौजूद रहे।