बुंदेलखंड में पौने दो सौ तालाब ही बन सके पक्के
जागरण संवाददाताबांदा बुंदेलखंड के जनपदों में जल संरक्षण व फसलों की सिचाई के लिए इस साल क
जागरण संवाददाता,बांदा: बुंदेलखंड के जनपदों में जल संरक्षण व फसलों की सिचाई के लिए इस साल करीब साढ़े चार हजार नए खेत तालाब खोदे जाने हैं। लेकिन अभी तक आधे में ही काम शुरू हो पाया है। पक्के काम की बात करें तो यह आंकड़ा महज दो सैकड़ा से भी कम में सिमटा हुआ है।
खेत तालाब योजना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना के तहत हर साल बड़ी संख्या में तालाब खोदे जाते हैं। इस वित्तीय साल के लिए चित्रकूट धाम मंडल में 4480 खेत तालाब खोदने का लक्ष्य है। इसमें 2242 बांदा व 2238 महोबा मंडल का लक्ष्य शामिल है। विभागीय आंकड़ों को देखें तो अब तक चित्रकूट धाम मंडल में करीब दो हजार खेत तालाबों का काम चल रहा है। करीब साढे छह सौ में कच्चा काम यानि खोदाई का होना बताया जा रहा है। वहीं 12 सौ से अधिक में कच्चा काम पूरा किए जाने का दावा किया गया है। लेकिन जिस हिसाब से मंडल को लक्ष्य मिला है। उसके सापेक्ष रफ्तार धीमी बताई जा रही है। हालांकि, विभागीय अधिकारियों का दावा है कि अभी वित्तीय साल का आधा से ज्यादा समय बचा है। साल के अंत तक लक्ष्य के सापेक्ष काम पूरा हो जाएगा। मंडल में डेढ़ सौ से अधिक खेत तालाबों में पक्का काम भी हो चुका है। बताया गया है कि कच्चा काम होने के बाद ही पक्का काम होता है। जिसमें पानी आने- जाने का रास्ता बनाया जाता है। ताकि खेत के पानी से सिचाई की जा सके साथ ही जरूरत पड़े तो तालाब को पानी से भरा भी जा सके। तालाबों का निर्माण भूमि संरक्षण विभाग द्वारा कराया जा रहा है। पक्के काम की मंडल वार स्थिति देखें तो बांदा मंडल में अब तक 115 व महोबा मंडल में 42 खेत तालाबों का पक्का काम पूरा हुआ है। इसी तरह कच्चे काम यानि खोदाई की प्रगति देखें तो महोबा मंडल में सात सौ से ज्यादा तालाबों की खोदाई का काम पूरा हो गया है। इस मामले में बांदा मंडल महोबा से पीछे है। बांदा में पांच सौ से ज्यादा तालाबों की खोदाई हुई है।
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बुंदेलखंड के लिए कारगर हैं खेत तालाब योजना
बांदा: सूखे बुंदेलखंड के लिए खेत तालाब योजना बेहद कारगर मानी जा रही है। यहां के कई ऐसे इलाके हैं, जहां पानी का संकट रहता है। गर्मी के दिनों में समस्या और भी जटिल हो जाती है। खेत तालाब योजना से किसानों के खेतों में लघु व मध्यम आकार के तालाब खोदे जा रहे हैं। जो सिचाई के साथ ही जल संरक्षण के काम में बेहद कारगर माने जाते हैं। - खेत तालाब योजना से जो भी लक्ष्य मिला है, उसे समय से पूरा कराया जाएगा। जिन किसानों के यहां तालाबों की खोदाई हो गयी है, उनमें बारिश का पानी किसानों के लिए संरक्षित है। उमेश कटियार , संयुक्त कृषि निदेशक चित्रकूट धाम मंडल