गोवंशों को छोड़ा तो छह माह काटनी होगी जेल
जागरण संवाददाता, बांदा : दूध निकालने के बाद अब गाय को छुट्टा छोड़ने वालों के खिलाफ पशु क्र
जागरण संवाददाता, बांदा :
दूध निकालने के बाद अब गाय को छुट्टा छोड़ने वालों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इसमें छह महीने तक की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माना का प्राविधान है। पैलानी तहसील में ऐसे तीन पशुपालकों के खिलाफ पहली बार कार्रवाई की गई है।
बुंदेलखंड में छुट्टा जानवर फसलों को तबाह कर रहे हैं। सड़क हादसों की वजह भी बन रहे हैं। अन्ना प्रथा से निपटने के लिए शासन-प्रशासन कई सालों से जूझ रहा है। लेकिन इस पर अंकुश लगने के बजाए अन्ना प्रथा बढ़ती जा रही है। प्रशासन गांवों में अस्थाई गोआश्रय स्थल बनवाने के साथ पशुपालकों पर सख्ती कर रहा है। छुट्टा जानवरों को इन आश्रय स्थलों पर संरक्षित किया जा रहा है। पशुपालकों को अन्ना जानवर न छोड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। गांव-गांव प्रधानों की अगुवाई में कमेटियां बनाई गई हैं। इसके बाद भी पशुपालक अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। गांवों में घूमने वाले छुट्टा जानवरों की गिनती की जा रही है। पशु ऐसे मालिकों को चिह्नित किया जा रहा है। प्रधान मुनादी करा रहे हैं। पशुपालकों को सख्त चेतावनी दी जा रही है कि यदि गाय को दूध निकलाने के बाद छुट्टा छोड़ा और उसकी पहचान हो गई तो पशु क्रूरता अधिनयिम के तहत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। दोष सिद्ध हो गया तो छह महीने की सजा व 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा भोगनी पड़ेगी। कुछ दिन पहले करीब दर्जन भर गाय ट्रेनों से कट गई हैं। खेतों की सुरक्षा को लगाए गए आरियों वाले तार-बाड़ में कई गायों के गला कट जाने से जान चली गई। सड़क हादसों में भी कई गाय आए दिन जान गवां रही हैं। इसे देखते हुए शासन ने पैलानी तहसील में तीन किसानों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम में कार्रवाई की है।
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जिले में अनुमानित अन्ना पशु : 56991
अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल : 122
स्थलों पर संरक्षित पशु: 16890
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गोवंशों के साथ क्रूरता करने वाले पशुपालकों को बक्शा नहीं जाएगा। ऐसे पशुपालकों को चिह्नित करने के लिए तहसीलदार व थानाध्यक्षों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।-हीरालल, सीडीओ, बांदा।