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जान जोखिम में डाल पढ़ाई कर रहे डेढ़ सौ बच्चे

संवाद सहयोगी, अतर्रा : सरकार सर्वशिक्षा अभियान में प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों में करोड़ों रुप

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 10:16 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 10:16 PM (IST)
जान जोखिम में डाल पढ़ाई कर रहे डेढ़ सौ बच्चे
जान जोखिम में डाल पढ़ाई कर रहे डेढ़ सौ बच्चे

संवाद सहयोगी, अतर्रा : सरकार सर्वशिक्षा अभियान में प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों में करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। विद्यालयों के जर्जर भवनों को लेकर गंभीर नहीं है। बच्चे व शिक्षक जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं। कहीं विद्यालय नहर किनारे होने के कारण बच्चों के डूबने का खतरा है। प्रधानाध्यापकों का कहना है कि कई बार विभागीय अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी हालातों में कोई सुधार नही हो रहा है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय के आसपास बारिश के सीजन में जलभराव हो जाने से तालाब जैसा नजारा दिखता है। शिकायतों पर अधिकारी ध्यान नहीं देते। भय के चलते वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। वह घर बैठने को मजबूर हैं। तस्वीर-1

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प्राथमिक विद्यालय, चकला पुरवा (पौहार)

विद्यालय के बगल से नहर निकली है। यहां पढ़ने वाले करीब डेढ़ सैकड़ा बच्चों के पानी मे डूबने व बह जाने का खतरा हर समय बना रहता है। स्कूल भवन भी जर्जर हालत में है। यह कभी भी धराशाई हो सकता है। शिक्षक विनय उपाध्याय ने बताया कि जुलाई से अक्टूबर तक बारिश के महीनों में बच्चों के लिए जान का खतरा रहता है। नहर का जल स्तर बढने से पटरी क्षतिग्रस्त हो चुकी है। पानी स्कूल में भर रहा है। ग्रामीणों की मदद से इसमें मिट्टी डलवा कर मरम्मत कराया है। अभिभावक राजेश ,तुलसीराम, चुन्नू, गोपाल आदि ने बताया कि पानी मे बच्चों के डूब जाने के डर से छोटे बच्चों को स्कूल नही भेजते। चार महीने बच्चे घर मे ही रहते हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। तस्वीर-2

पूर्व माध्यमिक विद्यालय, जबरापुर

विद्यालय में पढ़ रहे 140 बच्चे भय के साए में अध्ययन करने को मजबूर हैं। स्कूल के कक्ष बेहद जर्जर हालत में हैं। बच्चों के पढ़ाई के समय अक्सर छत का मलबा गिरता है। कई बच्चे इसमें घायल भी हो चुके हैं। अनहोनी की आशंका से अभिभावक अपने नौनिहालों को स्कूल भेजने में डरते हैं। अभिभावक रामशरण, अजय और सीताराम ने बताया कि स्कूल भवन दशकों पुराना है। इसकी मरम्मत सालों से नहीं हुई। वे अपने बच्चों को इस खतरे में कैसे भेजें।

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प्रधानाध्यापकों ने समस्या से अवगत कराया है। ऐसे विद्यालयों की सूची बीएसए को भेजी गई है। ग्राम प्रधानों को मरम्मत के लिए लिखा गया है। नहर विभाग के अधिकारियों को मौखिक रूप से अवगत कराया गया है। जल्द समस्या से निजात मिलेगी।- आनंद कुंवर ¨सह, एबीएसए, नरैनी


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