लापरवाही में जिले के चार सफाई कर्मचारी निलंबित
जागरण संवाददाता, बांदा : जनपद में स्वच्छता अभियान को बट्टा लगा रहे सफाई कर्मचारियों पर पंचायत
जागरण संवाददाता, बांदा : जनपद में स्वच्छता अभियान को बट्टा लगा रहे सफाई कर्मचारियों पर पंचायतीराज विभाग ने नकेल कसनी शुरू कर दी है। हालांकि माननीयों की गोद में बैठे सफाई कर्मचारियों पर सख्ती करना आसान नहीं नजर आ रहा है। फिलहाल डीपीआरओ ने बबेरू, नरैनी, जसपुरा व ¨तदवारी ब्लाक के चार सफाई कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। एडीओ पंचायत को उन्होंने मामले की जांच कर सप्ताह भर रिपोर्ट मांगी है।
केंद्र व प्रदेश सरकारें स्वच्छता मिशन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए लाखों जतन कर रही हैं। प्रशासन भी स्वच्छता को लेकर सजग है। लेकिन गांवों को साफ-सुथरा रखने के लिए तैनात किए गए सफाई कर्मचारी बेहद लापरवाह हैं। हर माह 20 हजार रुपये वेतन ले रहे कर्मचारी आए दिन नदारद रहते हैं। गंदगी की लगातार शिकायतें आ रही हैं। डीपीआरओ कुछ कार्रवाई करते हैं तो सफेदपोश नेताओं के तत्काल फोन आ जाते हैं। ऐसे में जिले के करीब साढ़े छह सौ कर्मचारी मौज काट रहे हैं। इधर, डीपीआरओ संजय कुमार यादव ने शासन का दबाव बढ़ने पर सफाई कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। बबेरू विकास खंड के पखरौली ग्राम पंचायत में तैनात सफाई कर्मी रामशरण दो मा से बिना कोई सूचना नदारद है। निलंबित करते हुए जांच जसपुरा एडीओ पंचायत को सौंपी है। ¨तदवारी ब्लाक के पिपरहरी ग्राम पंचायत में तैनात सफाई कर्मचारी अनिल कुमार 24 सितंबर से नदारद है। निलंबन के बाद जांच बड़ोखर खुर्द एडीओ को सौंपी है। जसपुरा ब्लाक के ग्राम पंचायत गलौली में तैनात विजय पाल को निलंबित कर जांच महुआ एडीओ पंचायत को दी है। वह दो माह से गैरहाजिर है। ऐसे ही नरैनी विकास खंड की ग्राम पंचायत कनाय के राजस्व गांव रामपुर खुर्द में तैनात महिला सफाई कर्मचारी शशिकला आठ माह से बिना कोई जानकारी अनुपस्थित है। इन गांवों में गंदगी का अंबार है। शशिकला को निलंबित करते हुए डीपीआरओ ने जांच महुआ एडीओ पंचायत को दी है। सप्ताह भर के अंदर जांच आख्या मांगी है। डीपीआरओ ने अन्य सफाई कर्मचारियों को सचेत किया है।