खाद्य नमूनों की रिपोर्ट में नहीं हो सकेगी हेराफेरी
जागरण संवाददाता, बांदा : सुविधा शुल्क की आड़ में खाद्य नमूनों की रिपोर्ट में अब हेराफेरी नहीं
जागरण संवाददाता, बांदा : सुविधा शुल्क की आड़ में खाद्य नमूनों की रिपोर्ट में अब हेराफेरी नहीं हो सकेगी। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन को छापेमारी के दौरान ही मुख्यालय के पोर्टल पर जानकारी देनी होगी। अभी मासिक रिपोर्ट देने की व्यवस्था के चलते खूब खेल होता था। खाद्य आयुक्त ने तत्काल यह व्यवस्था लागू कराने के निर्देश दिए हैं।
चित्रकूटधाम मंडल में खाद्य कारोबारियों के उत्पीड़न व शोषण की शिकायतें आम हैं। अधिकारी मिलावटखोरी रोकने के नाम पर छापेमारी करते हैं और सुविधा शुल्क मिलते ही रिपोर्ट बदल दी जाती है। मगर, अब खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी ऐसा नहीं कर पाएंगे। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) जहां भी छापेमारी करेगा उसे मुख्यालय के पोर्टल पर मौके से ही ऑनलाइन जानकारी देनी होगी। सैंप¨लग में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से यह व्यवस्था शुरू की गई है। पोर्टल पर सीलबंद किए जाने वाले हर नमूने का पूरा ब्योरा होगा। एफएसओ स्तर से भी कार्रवाई नहीं की जाएगी। सैंप¨लग के लिए टीम के साथ कार्रवाई करनी होगी।
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सॉफ्टवेयर में दर्ज करनी होगी रिपोर्ट
अभी जांच के लिए सील किए गए खाद्य नमूने की रिपोर्ट खाद्य सुरक्षा अधिकारी दूसरे दिन कार्यालय स्तर पर तैयार कराते हैं। अब कार्रवाई का पूरा ब्योरा सॉफ्टवेयर में भी दर्ज कराना अनिवार्य किया गया है, ताकि लखनऊ मुख्यालय में इसे देखा जा सके। इसके लिए एफएसडीए की वेबसाइट पर सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है।
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चालू वित्तीय वर्ष की रिपोर्ट
निरीक्षण : 145
छापेमारी : 86
खाद्य नमूने : 136
फेल नमूने : 22
मुकदमे : 31
जुर्माना : 7.86 लाख
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क्या कहते हैं अधिकारी
संबंधित एफएसओ को मिलावटी खाद्य सामग्री बेचने के मामले में नोटिस जारी कर संबंधित कारोबारी से स्पष्टीकरण तलब करना होगा। फूड सैंप¨लग और रूटीन सर्वे से जुड़ी हर कार्रवाई की ऑनलाइन रिपोर्ट भी अब एफएसडीए मुख्यालय देना जरूरी किया गया है।
- मनोज कुमार जायसवाल, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी