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जैविक खाद की कमी से खेत की उर्वरा शक्ति हो रही क्षीण

संवाद सहयोगी, बबेरू : कस्बे के ओरन रोड स्थित एक मैरिज हाल में किसान गोष्ठी आयोजित हुई। व

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 10:14 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 10:14 PM (IST)
जैविक खाद की कमी से खेत की उर्वरा शक्ति हो रही क्षीण
जैविक खाद की कमी से खेत की उर्वरा शक्ति हो रही क्षीण

संवाद सहयोगी, बबेरू : कस्बे के ओरन रोड स्थित एक मैरिज हाल में किसान गोष्ठी आयोजित हुई। वक्ताओं ने कहा कि जैविक खाद की कमी से खेतों की उर्वरा शक्ति क्षीण हो रही है। कहा कि जब तक धरती मां स्वस्थ्य नही होगी तब तक मनुष्य भी स्वस्थ्य नही रहेगा।

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रविवार को किसान गोष्ठी में आगरा के कृषि वैज्ञानिक व कृषि निदेशक डा. वीके सचान ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि 40 वर्षो से जो रसायन खाद का प्रयोग करते चले आ रहे । इससे सूक्ष्म जीवांश नष्ट हो गये हैं। जिसकी वजह से जो जैव अवशिष्ट सड़कर हयूमस नही बन रहे है। इसी के कारण जीवांश कार्बन की कमी हो गयी हैं।इन्हीं कारणों से जमीन के भौतिक व रासायनिक गुणों में कमी आ जाती हैं। बोई गई फसल बर्बाद हो जाती है । रसायन खाद के प्रयोग से भोजन, पानी, हवा दूषित हो चुकी है। स्वस्थ्य रहने व खेतों की उपज के लिए जैविक खाद की आवश्यकता है। कहा कि धरती मां जब तक स्वस्थ्य नही होगी तब तक मनुष्य अपनी खुशियों की कल्पना न करे । जैविक खाद को सृजित करने के लिए पानी को खेत में रोके, खेत की मेड़ मे पेड़ लगाएं। नष्ट हो चुके लाभदायक जीवों की जैविक खादों जैसे गोबर की खाद, ढैंचा सनई बोने का आहवान किया। कहा कि इससे उपजाऊ भूमि तैयार होगी और पैदावार बढ़ेगी किसान खुशहाल होगा। उन्होंने तितलियां, मधुमक्खियां, पक्षी, मेढ़क आदि के संरक्षण पर बल दिया। इस दौरान आदित्य ¨सह, मीनांक्ष कुमार, प्रगतिशील किसान गोपालशरण ¨सह, धेनुपाल ¨सह, रामभरोसा, जयपाल आर्य, सूरजपाल ¨सह, चंद्रभवानी आदि मौजूद रहें ।


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