वर्चस्व की जंग में हारे एक्सईएन, शासन ने किया तबादला
जागरण संवाददाता, बांदा : कार्यदायी संस्था पैकफेड के अधिशाषी अभियंता आखिरकार वर्चस्व की जं
जागरण संवाददाता, बांदा : कार्यदायी संस्था पैकफेड के अधिशाषी अभियंता आखिरकार वर्चस्व की जंग में हार गए। शासन ने उनका तबादला किया। स्टाफ के कर्मचारी भी एक्सईएन के खिलाफ थे। इतना ही नहीं जनप्रतिनिधियों ने भी शासन स्तर तक उन्हें हटाने में पूरी पैरवी की। अभियंता पर आरोप है कि वह कर्मचारियों का शोषण करने के साथ ही भ्रष्टाचार में लिप्त रहते है।
राज्य निर्माण सहकारी संघ (पैकफेड) अक्सर घपलेबाजी को लेकर अधिकारियों व शासन के निशाने पर रहता है। यहां जनपद में तैनात पैकफेड के अधिशासी अभियंता संतोष कुमार पांडेय भी इसमें पीछे नहीं रहे। दफ्तर में तैनात लिपिक, जेई, लेखाधिकारी, कंप्यूटर आपरेटर एक्सईएन की कार्यशैली से त्रस्त होकर उनके खिलाफ मोर्चा खोला। प्रबंध निदेशक को पत्र भेजकर उन पर निर्माण कार्यों के लिए आई धनराशि में भारी कमीशन खाने, विभागीय मंत्री के दौरे के नाम पर नए साल में खर्च के नाम पर दस लाख रुपये सरकार का निकालकर हजम करने जैसे कई आरोप लगाए। आरोप था कि शोषण से आजिज दो अवर अभियंताओं ने तबादला करा लिया। जबकि एक कर्मचारी ने सेवानिवृत्ति ले ली।
सात दिसंबर को संयुक्त हस्ताक्षर से कर्मचारियों ने प्रबंध निदेशक व विधायकों को पत्र भेजा। बबेरू विधायक चंद्रपाल कुशवाहा और नरैनी विधायक चंद्रपाल ने कृषि उत्पादन आयुक्त व सहकारिता मंत्री को पत्र भेजकर एक्सईएन को हटवाने में पूरी ताकत झोंकी। एक्सईएन भी अपने रसूख के दम पर जमे रहे। अंतत: वर्चस्व की इस जंग में एक्सईएन को हार का मुंह देखना पड़ा। शासन ने दो दिन पूर्व उनका तबादला कानपुर कर दिया। उनके स्थान पर गोरखपुर प्रखंड से से आए वीरेंद्र कुमार चौरसिया को एक्सईएन का चार्ज दे दिया। उधर, तत्कालीन एक्सईएन संतोष कुमार पांडेय ने आरोपों को निराधार बताया। कहा कि साजिश के तहत उन्हें परेशान किया गया है।