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19 वर्ष बाद भी लोगों के हलक न तर कर रही पानी की टंकी

कस्बे में एक करोड़ की लागत बनकर तैयार हुई पेयजल टंकी 19 वर्षों से महज शोपीस बनी हुई है। जल निगम की लापरवाही से अधूरा कार्य पूरा नहीं हो सका। इससे टंकी हैंडओवर नहीं हो पा रही है। इससे नगर की करीब दस हजार की आबादी भीषण गर्मी में पानी को मोहताज है। खामियों के चलते जल संस्थान हैंडओवर लोने को तैयार नहीं हैं। लोग दूर दराज लगे हैंडपंप से पानी लाने को मजबूर हो रहे हैं। नगर के कृष्णा नगर मोहल्ले में वर्ष 2

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 05:05 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 05:05 PM (IST)
19 वर्ष बाद भी लोगों के हलक न तर कर रही पानी की टंकी
19 वर्ष बाद भी लोगों के हलक न तर कर रही पानी की टंकी

जागरण संवाददाता, बांदा : कस्बे में एक करोड़ की लागत बनकर तैयार हुई पेयजल टंकी 19 वर्षों से महज शोपीस बनी हुई है। जल निगम की लापरवाही से अधूरा कार्य पूरा नहीं हो सका। इससे टंकी हैंडओवर नहीं हो पा रही है। इससे नगर की करीब दस हजार की आबादी भीषण गर्मी में पानी को मोहताज है। खामियों के चलते जल संस्थान हैंडओवर को तैयार नहीं हैं। लोग दूर दराज लगे हैंडपंप से पानी लाने को मजबूर हो रहे हैं।

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नगर के कृष्णा नगर मोहल्ले में वर्ष 2001-2002 में जलनिगम की 16वीं शाखा ने लगभग 10 हजार आबादी क्षेत्र को पेयजल आपूर्ति के लिए पानी टंकी का निर्माण कराया गया था। इस टंकी से मूसानगर, कृष्णा नगर, सुदामापुरी, बिसंडा रोड, ओरन रोड को पेयजल उपलब्ध कराने का उद्देश्य था। इसमें लगभग एक करोड़ से अधिक की लागत लगी है। टंकी निर्माण के बाद सभी वार्डो में पाइप लाइन भी बिछा दी गई। कुछ लोगों के कनेक्शन भी हो गए, लेकिन टूटी पाइप लाइन के कारण पेयजल आपूर्ति चालू होते ही पानी नलियों व सड़कों में बहने लगा। जिस कारण आपूर्ति बंद कर दी गयी। आज तक फिर शुरू नहीं हो सकी। इस टंकी की क्षतिग्रस्त पाइप लाइन को सही कराने व चालू कराने के लिए बीते वर्ष तत्कालीन एसडीएम ने जलनिगम को पत्र भी लिखा था, लेकिन उसके बाद भी अधिकारियों की उदासीनता के चलते कोई सुधार नहीं हुआ है। इस पेयजल टंकी के पानी से सिर्फ आसपास के खेतों में सिचाई हो रही है।

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क्या कहते हैं नगर वासी :

-बीते कई वर्षों से तहसील दिवस सहित उच्चाधिकारियों को समस्या से अवगत करवाया गया है, लेकिन आश्वासन ही मिला है। समस्या आज भी वैसी ही बनी है।-राजेंद्र चौरसिया

-भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों व ठेकेदार ने मिल कर आपस में धन का बंदरबांट किया है। अब तो लगभग 80 फीसद बन चुकी पाइप लाइन व टंकी क्षतिग्रस्त होने लगी है।-रामकिशोर पांडेय

-इस भीषण गर्मी में हैंडपंप से पानी खींचना पड़ रहा है। अधिकारी पेयजल समस्या को लेकर गंभीर नहीं हैं। तभी वर्षों से इस टंकी की सुधि नहीं ली जा रही है।-सुनीता देवी

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क्या कहते हैं अधिकारी :

जल निगम की ओर से पेयजल समूह योजना के तहत अतर्रा में पानी की टंकी बनवाई गई थी। लेकिन अभी हैंडओवर नहीं की गई है। चेकिग के दौरान टंकी व पाइपलाइन क्षतिग्रस्त थी। इसे सही कराने को कहा गया था, जिसे आज तक सही नहीं कराया गया है।-राघवेंद्र सिंह, अवर अभियंता जल संस्थान


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