तकनीकी प्रशिक्षण ले स्वावलंबी बनें शिक्षित युवा
जागरण संवाददाता बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा में मंगलवार से 30 दिवसीय केचुआ
जागरण संवाददाता, बांदा : कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, बांदा में मंगलवार से 30 दिवसीय केचुआ खाद प्रशिक्षण शुरू हुआ। इस दौरान कुलपति ने किसानों से कहा कि रोजगार हासिल करने के लिए कृषि क्षेत्र व्यापक है। तकनीकी प्रशिक्षण लेकर युवा स्वावलंबी बनें और आर्थिक समृद्धि हासिल करें।
कौशल विकास कार्यक्रम के तहत आयोजित प्रशिक्षण में कुलपति डॉ.यूएस गौतम ने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त युवा कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बुंदेलखंड परिक्षेत्र में जैविक कृषि की आपार संभावनाएं हैं। इसके लिये केचुआ खाद उत्पादन तथा जैविक आदान प्रमुख घटक के रूप मे इस ओर महत्वपूर्ण बनाते हैं।विश्वविद्यालय केचुआ खाद उत्पादन, मशरूम उत्पादन, बीज उत्पादन, बकरी पालन, माली व अन्य कृषि संबंधी विषयों में प्रशिक्षण दे रहा है। मुख्य प्रशिक्षक एवं मृदा विज्ञान के सहायक प्रध्यापक डॉ.अरविद गुप्ता ने बताया कि प्रशिक्षण में 25 युवा व कृषक प्रतिभाग कर रहे हैं। इसमें केचुआ खाद, वर्मी वाश, वेस्ट,डीकंपोसर, जीवामृत्त बनाना सिखाया जा रहा है। प्रशिक्षुओं का बौधिक ज्ञान बढ़ाने को कृषि विज्ञान केंद्र गनीवा(चित्रकूट) का भ्रमण कराया गया। डॉ.देव कुमार ने बताया कि केचुआ खाद के प्रमुख घटक, केचुए कि प्रजाति तथा तैयार उत्पाद की छटाई पर विशेष बल दिया जा रहा है।