एक बार फिर बिखर गए शिक्षक बनने के सपने
हाईकोर्ट के स्थगनादेश ने दो वर्षों से शिक्षक बनने के सपने संजोए अभ्यर्थियों को मायूस कर दिया। उनके सपने एक बार फिर बिखर गए। जीआईसी में काउंसिलंग के लिए सुबह से अभ्यर्थियों की भीड़ उमड़ी। जिले में 1049 अभ्यर्थियों की काउंसलिग के बाद नियुक्ति पत्र दिया जाना था। पहले दिन 240 अभ्यर्थियों ने काउंसिलंग कराई। लेकिन बाद में अधिकांश अभ्यर्थी बिना काउंसलिग कराए ही चले गए। 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में जनपद में 1070 अभ्यर्थियों की सूची थी। इसमें 1049 की काउंसलिग होनी थी। बुधवार व गुरुवार को राजकीय इंटर कॉलेज बांदा में अभिलेखों की
जागरण संवाददाता, बांदा : हाईकोर्ट के स्थगनादेश ने दो वर्षों से शिक्षक बनने के सपने संजोए अभ्यर्थियों को मायूस कर दिया। उनके सपने एक बार फिर बिखर गए। जीआईसी में काउंसिलिग के लिए सुबह से अभ्यर्थियों की भीड़ उमड़ी। जिले में 1049 अभ्यर्थियों की काउंसिलिग के बाद नियुक्ति पत्र दिया जाना था। पहले दिन 240 अभ्यर्थियों ने काउंसिलिग कराई। लेकिन बाद में अधिकांश अभ्यर्थी बिना काउंसिलिग कराए ही चले गए।
69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में जनपद में 1070 अभ्यर्थियों की सूची थी। इसमें 1049 की काउंसलिग होनी थी। बुधवार व गुरुवार को राजकीय इंटर कॉलेज, बांदा में अभिलेखों की जांच होनी थी। पांच व छह जून को विद्यालय आवंटित कर नियुक्ति पत्र दिए जाने थे। अभ्यर्थियों में सामान्य में 358 अभ्यर्थियों में 184 महिलाएं व 174 पुरुष, अनुसूचित जाति में कुल 235 अभ्यर्थी हैं।इनमें 184 महिला व 51 पुरुष और इसी तरह पिछड़ा वर्ग में कुल 428 अभ्यर्थी हैं।इनमें 255 महिला व 173 पुरुष अभ्यर्थी शामिल हैं। बुधवार को पहले दिन सामान्य महिला वर्ग में 73, अनुसूचित महिला वर्ग में 12, पिछड़ा वर्ग महिला में 55, सामान्य पुरुष वर्ग में 43, पिछड़ा वर्ग पुरुष में 42 व अनुसूचित पुरुष वर्ग में 9 अभ्यर्थियों ने अपनी काउंसिलिग कराई। विशेष आरक्षित वर्ग में छह अभ्यर्थी शामिल हुए। दोपहर में जैसे ही हाईकोर्ट से शिक्षक भर्ती के स्थगनादेश की जानकारी हुई तो अभ्यर्थियों के सारे सपने बिखर गए। तमाम अभ्यर्थी बिना काउंसलिग कराए ही चले गए। काउंसिलिग करने वाली टीम में बीएसए हरिश्चंद्र नाथ, बीईओ कैलाश सिंह, राजीव सिंह,शिव औतार, अंबिका प्रसाद, राजेंद्र सिंह,जगत सिंह राजपूत, राघवेंद्र त्रिपाठी, कमल सिंह, जय नारायण, शीतल प्रसाद, अभिषेक सिंह शामिल रहे। शिक्षक विधु त्रिपाठी उद्घोषक रहे।
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उम्मीदों ने भरी उड़ान, ठंडे हुए अरमान :
-काउंसिलिग प्रक्रिया शुरू हुई तो इस बार उसके अंदर विशेष उत्साह भर गया। वह विशेष उम्मीद के साथ यहां आई और काउंसिलिग भी कराया। लेकिन स्थगनादेश ने सपने तोड़ दिए।
-रितु अग्रवाल, जालौन
-शिक्षक बनने का सपना जब भी पूरा होने का समय आता है, कुछ न कुछ अड़चन आ जाती है। कागजात तैयार कर यहां कड़ी धूप में काउंसिलिग कराई। लेकिन अब मायूस हैं।
-अंचल, जालौन
-शिक्षक भर्ती का रास्ता साफ हुआ तो उसके खुशी का ठिकाना न रहा। वह बड़े ही उत्साह से यहां काउंसिलिग कराने आई। जब पता चला कि स्थगनादेश हो गया तो वह मायू हो गई।
-रानी निरंजन, कानपुर
-शिक्षकों की भर्ती में ही यह सब अड़चने आती हैं। इस बार तो पूरा विश्वास था कि उन्हें नियुक्ति पत्र के साथ विद्यालय मिल जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
-दिलीप कुमार, कानपुर
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शिक्षक संघ बना मददगार :
जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी व उनकी टीम परेशान अभ्यर्थियों की मददगार बनी। सेनेटाइजर से हाथ धुलवाकर मास्क सौंपे। मिठाई खिलाकर अभ्यर्थियों का उत्साह बढ़ाया। उनकी काउंसिल किस ओर होनी है, रास्ता दिखाया। इस मौके पर टीम में प्रजीत सिंह, जय किशोर दीक्षित, केपी सिंह, राजेश तिवारी, हरबंश श्रीवास्तव, राजेश द्विवेदी, भुवनेंद्र यादव, विनय प्रताप सिंह, सुनील वर्मा, सत्य प्रकाश शुक्ल आदि रहे।