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दहेज हत्या में पति को सात वर्ष का कारावास

जागरण संवाददाता, बांदा : दहेज में दो तोला सोने की जंजीर और एक बाइक न देने पर ससुरालीजनों

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Oct 2018 06:01 PM (IST)Updated: Thu, 11 Oct 2018 06:01 PM (IST)
दहेज हत्या में पति को सात वर्ष का कारावास
दहेज हत्या में पति को सात वर्ष का कारावास

जागरण संवाददाता, बांदा : दहेज में दो तोला सोने की जंजीर और एक बाइक न देने पर ससुरालीजनों ने विवाहिता को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने व फांसी का फंदा लगाकर पंखे की हुक में लटकाकर हत्या कारित करने के आरोप में अपर सत्र न्यायाधीश/एफटीसी प्रथम की अदालत ने पति को दोषी पाते हुए सात वर्ष का कारावास और विभिन्न धाराओं में आठ हजार रुपये का जुर्माना किया। जुर्माना अदा न करने पर चार माह अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी ।

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अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता आशुतोष मिश्र ने बताया कि चित्रकूट जनपद के कोतवाली कर्वी के रसिन गांव निवासी सुकरू प्रसाद पुत्र छोटा ने 13 मार्च 2014 को तहरीर दी थी कि उसकी बेटी आशा का विवाह बांदा जनपद के कोतवाली नगर क्षेत्र के मोहल्ला बिजली खेड़ा निवासी मुन्नीलाल के पुत्र संजय उर्फ सर्वेंद्र के साथ मई 2009 में अपनी हैसियत के मुताबिक दान दहेज देकर की थी। लेकिन ससुराल जाने के बाद उसके पति, ससुर, देवर, ननद, सास, नंदोई आदि लोग दो तोला सोने की जंजीर व एक पल्सर मोटर साइकिल की मांग करते रहे। न देने पर उसकी पुत्री को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते रहे। 12 मार्च की रात को एक बजे ससुराल बिजलीखेड़ा (बांदा) में उसकी हत्या कर फांसी का फंदा लगाकर पंखे से लटका दिया। फोन पर जानकारी होने पर मौके पर गए तो उसकी पुत्री का शव फंदे से लटका मिला। पुलिस ने धारा 498ए, 304 बी आइपीसी व 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर विवेचना की गई। पति संजय व ससुर मुन्नीलाल, देवर छोटू, ननद मंजू, नंदोई धर्मेंद्र, सास अंजू के विरुद्ध आरोपपत्र अदालत में पेश किया गया। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से आठ गवाह पेश किए गए। एफटीसी प्रथम के न्यायाधीश अनिल कुमार पंचम ने अभियुक्त संजय उर्फ सवेंद्र को धारा 498ए में दो वर्ष का कारावास व 2000 रुपये जुर्माना, 304 बी में सात वर्ष का कारावास व पांच हजार रुपये जुर्माना और 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में एक वर्ष का कारावास एक हजार रुपये जुर्माना की सजा गुरुवार को दी। शेष सभी चार आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। अभियुक्त संजय द्वारा जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियुक्त को सजायावी वारंट बनाकर जेल भेज दिया गया।


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