मानसिक रोग छिपाएं नहीं, इलाज के लिए आएं आगे
जागरण संवाददाता बांदा मानसिक रोग भी अन्य बीमारियों की तरह हैं। इसे छिपाए नहीं बल्कि इला
जागरण संवाददाता, बांदा : मानसिक रोग भी अन्य बीमारियों की तरह हैं। इसे छिपाए नहीं बल्कि इलाज के लिए आगे आएं। आवेश में आकर लोग आत्महत्या जैसा कदम उठाते हैं। मामूली विवाद में बड़ी घटनाओं को अंजाम देते हैं। यह बातें जिला अस्पताल परिसर में मानसिक स्वास्थ्य शिविर में जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने कहीं।
उन्होंने कहा कि मानसिक रोग से घबराएं नहीं। बल्कि इसका इलाज कराएं। स्वास्थ्य केंद्रों पर ऐसे शिविर लगाए जा रहे हैं। जिन्हें उलझन घबराहट, बेचौनी, नींद ना आना, सिर में बहुत दिनों से दर्द होना, भूत प्रेत देवी देवताओं का साया होना, बेहोशी के दौरे आना, नकारात्मक विचार आना जैसी समस्या है तो वह मनोरोग चिकित्सक से मिलकर सलाह लें। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. वीके तिवारी ने कहा कि मानसिक रोग में रोगी की स्मृति हृास, सोच-विचार एवं व्यवहार परिवर्तित हो जाता है। जिससे रोग की दैनिक क्रियाएं प्रभावित हो जाती हैं। धीरे-धीरे रोगी में गंभीर रूप से मानसिक विकृति आ जाती है। समुचित देखरेख, व्यायाम द्वारा इस रोग से बचा जा सकता है।
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मानसिक रोग के यह हैं लक्षण
मनोरोग चिकित्सक डा. हरदयाल का कहना है कि मानसिक रोग के और भी लक्षण होते हैं। नींद न आना, चिता, घबराहट, तनाव होना, काम में मन न लगना, आत्महत्या के विचार आना, उदास रहना, भूत प्रेत-देवी देवता आदि की छाया का भ्रम होना, याददाश्त की कमी होना, बुद्धि का कम विकास होना, किसी प्रकार का नशा करना, मिर्गी व बेहोशी के दौरे आना इत्यादि। परिवार के किसी भी व्यक्ति में यह सभी लक्षण पाए जाने पर उसे स्वास्थ्य इकाई तक जरूर जाएं।