डीएम के आदेश पर डीओ ने शुरू की जांच
जागरण संवाददाता, बांदा : खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा लाइसेंसी रिवाल्वर लेकर दफ्तर आने और कम
जागरण संवाददाता, बांदा : खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा लाइसेंसी रिवाल्वर लेकर दफ्तर आने और कर्मचारियों को धौंस दिखाकर काम कराने संबंधी आरोपों की जांच डीएम ने अभिहीत अधिकारी को सौंपी। मंगलवार को उन्होंने सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों से अलग-अलग बयान दर्ज किए। दोनों सुपरवाइजरों के कार्यक्षेत्र में बदलाव करते हुए उन्हें मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी के साथ संबद्ध किया है। साथ ही एफएसओ द्वारा की जाने वाली कार्रवाइयों पर भी रोक लगा दी है।
खाद्य एवं औषधि सुरक्षा प्रशासन विभाग में करीब सप्ताह भर से उथल-पुथल चल रहा है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी ओमपाल और सुपरवाइजर सत्यनारायण पांडेय तथा राकेश कुमार श्रीवास्तव के बीच किसी बात को लेकर अनबन चल रही है। इसी बात पर दोनों सुपरवाइजरों ने 12 अक्टूबर को डीएम को प्रार्थना पत्र देकर खाद्य सुरक्षा अधिकारी से जानमाल के खतरे की आशंका जाहिर करते हुए सुरक्षा की मांग की थी। डीएम ने मामले की जांच अभिहीत अधिकारी अजीत कुमार को सौंपी है। मंगलवार को उन्होंने नागेश चौधरी, सर्वेश ¨सह, सौरभ उत्तम आदि सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों व सुपरवाइजरों से अलग-अलग पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए। डीओ ने सेनेटरी सुपरवाइजर सत्यनारायण पांडेय और राकेश कुमार को नगर क्षेत्र से हटाते हुए मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनोज कुमार जायसवाल के साथ संबंद्ध किया है। उधर, खाद्य सुरक्षा अधिकारी ओमपाल ¨सह पर भी उन्होंने नकेल कसते हुए उन्हें व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई व जांच आदि पर पाबंदी लगा दी है। उन्हें जल्द ही मंडलीय कार्यालय से भी अटैच किया जा सकता है। अभी वह नगर क्षेत्र में कार्य देख रहे हैं। उधर, यह भी बताया जा रहा है कि सेनेटरी सुपरवाइजर सत्यनारायण पांडेय यहां 17 सालों से तैनात हैं। असरदार होने के कारण उनका तबादला नहीं किया गया। खाद्य सुरक्षा अधिकारी ओमपाल ¨सह ने बताया कि वह रिवाल्वर अपनी सुरक्षा के लिए रखते हैं। कभी किसी को नहीं धमकाया। हां मिलावट पाए जाने पर व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। यह सुपरवाइजरों को नागवार गुजरा है। इसी खुन्नस में आरोप लगा रहे हैं। व्यापारियों से भी धमकी दिलवा रहे हैं। उधर, अभिहीत अधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि 25 तक डीएम को जांच रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।